मुंबई की दशहरा रैली : एकनाथ शिंदे के मंच पर नजर आए बाला साहेब के ‘त्रासदी पुत्र’ जयदेव, खुल गया असली भेद

मुंबई : महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट का असली सूत्रधार और शिवसेना के संस्थापक तथा पेशे से कार्टूनिस्ट बाला साहेब ठाकरे के ‘त्रासदी पुत्र’ जयदेव ठाकरे बुधवार को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के मंच पर नजर आए. दशहरा जैसे पावन पर्व पर अब तक अपने छोटे भाई के खिलाफ विभीषण की तरह काम करने वाले बाला साहेब के मंझले बेटे जयदेव ठाकरे ने खुलकर मंच पर भाई के राजनीतिक दुश्मनों के साथ मंच साझा किया. सबसे बड़ी बात यह है कि जयदेव ठाकरे ने अपने छोटे भाई उद्धव ठाकरे के राजनीति दुश्मन एकनाथ शिंदे के मंच पर नजर आए, बल्कि इस मंच से उन्होंने बीकेसी मैदान में उपस्थित जनसमूह को संदेश भी दिया.

बता दें कि शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे ने एक बार पार्टी के मुखपत्र सामना में अपने मंझेले बेटे जयदेव के बारे में तल्ख टिप्पणी की थी. उनके बड़े बेटे बिंदू माधव की वर्ष 1996 में एक हादसे में मौत हो गई थी. बाला साहेब के तीन बेटे हैं. बड़े बेटे बिंदू माधव थे. इसके बाद मंझले बेटे जयदेव ठाकरे हुए और सबसे छोटे बेटे उद्धव ठाकरे हैं. बड़े बेटे बिंदू माधव और छोटे बेटे उद्धव ठाकरे के साथ बाला साहेब के संबंध मधुर थे, लेकिन मंझले बेटे के साथ उनके संबंध अच्छे नहीं थे. बाला साहेब जयदेव की हरकतों से इतने तंग आ गए थे कि एक बार शिवसेना के मुखपत्र सामना में यहां तक लिख दिया था, ‘वो लड़का एक त्रासदी है.’

दरअसल, ठाकरे पिता-पुत्र में शादी को लेकर संबंधों में खटास पैदा हुई थी. बाला साहेब ने जयदेव की शादी जयश्री केलकर से कर दी थी, जिससे वे संतुष्ट नहीं थे. इस बात को लेकर परिवार में तल्खी और बढ़ गई, जब जयदेव ने जयश्री को तलाक देकर स्मिता ठाकरे से शादी कर ली. वर्ष 1995 में बाला साहेब की पत्नी मीना की मौत हो गई. इसके बाद पिता-पुत्र के संबंध और भी ज्यादा कड़वे हो गए. स्मिता के साथ की गई शादी भी जयदेव को रास नहीं आई और उन्होंने तीसरी शादी अनुराधा के साथ की. इससे बाला साहेब काफी दुखी रहते थे. इसीलिए जब वर्ष 2012 में बाला साहेब का देहावसान हुआ, तो वसीयत में जयदेव के नाम से कुछ नहीं था.

बाला साहेब के सबसे छोटे बेटे और महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मंझले भाई जयदेव ठाकरे ने बुधवार को मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में शिवसेना के ही बागी विधायक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ मंच साझा करने के बाद जो संदेश दिया है, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि शिवसेना में बगावत के पीछे उनका भी विभीषण की तरह कोई न कोई किरदार अवश्य रहा होगा. जयदेव ठाकरे ने बागी गुट के मंच से अपने संदेश कहा कि एकनाथ शिंदे को अकेला मत छोड़ो. एकनाथ शिंदे किसानों और आम लोगों के लिए काम कर रहे हैं.

इस बीच, बाला साहेब ठाकरे के मंझले बेटे जयदेव ठाकरे ने जब एकनाथ शिंदे के मंच को साझा किया, तो इसी गुट के नेता रामदास कदम ने उद्धव ठाकरे पर जोरदार तरीके से निशाना साधा. उन्होंने बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान के मंच से उद्धव ठाकरे को ललकारते हुए कहा कि आपके भाई जयदेव ठाकरे और चचेरे भाई राज ठाकरे जब आपके साथ नहीं हैं उद्धव जी, तब आप अपने परिवार को कैसे संभाल पाएंगे. उन्होंने कहा कि अगर आप अपने ही परिवार को बरकरार नहीं रख सकते, तो आप पूरे राज्य को संभालेंगे?

बताते चलें कि बुधवार को विजयादशमी के पावन अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना में उनके गुट के नेताओं ने मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) के एमएमआरडीए मैदान में शामिल हुए. इस दौरान एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के सिंहासन पर श्रद्धांजलि दी. इसके साथ ही, उन्होंने करीब 51 फीट की तलवार पर ‘शस्त्र पूजा’ की. इसके लिए उत्तर प्रदेश के अयोध्या से एक महंत को बुलाया गया था.

बीकेसी के एमएमआरडीए मैदान के मंच से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से कहा कि महाराष्ट्र के मतदाताओं ने विधानसभा चुनावों में आपको और भाजपा को चुना, लेकिन आपने कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन कर लोगों के साथ धोखा दिया. उन्होंने कहा कि इस दशहरा रैली में जबरदस्त भीड़ यह साबित करने के लिए काफी है कि कौन बालासाहेब ठाकरे की विरासत का सच्चा उत्तराधिकारी है.

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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