गन्ना उद्योग एवं विधि विभाग की डायरी 2022 का किया गया विमोचन

पटना (रामजी प्रसाद): आज माननीय उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद द्वारा बामेती, पटना के सभागार में राज्यस्तरीय गन्ना किसान संगोष्ठी ‘‘बिहार में गन्ना एवं चीनी उत्पादन: चुनौती, सम्भावनायें एवं अवसर’’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। साथ ही, गन्ना उद्योग एवं विधि विभाग की डायरी 2022 का विमोचन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह मौजूद थे एवं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय मंत्री, गन्ना उद्योग विभाग, बिहार श्री प्रमोद कुमार द्वारा किया गया। माननीय उप मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि बिहार राज्य के गन्ना कृषकों के हित में कृषि रोड मैप के तहत गन्ना उद्योग विभाग द्वारा चलायी जा रही योजनाओं में मुख्यमंत्री गन्ना विकास कार्यक्रम एक ऐसा माध्यम है, जिसके द्वारा गन्ना उत्पादक कृषकों को गन्ना की उत्कृष्ट चयनित गन्ना प्रभेदों के बीज से खेती के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य एवं आर्थिक सम्पन्नता के साथ-साथ बौद्धिक तथा तकनीकी विकास से जुड़ने का भी सुअवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि सरकार की यह प्राथमिकता है कि योजनाओं का लाभ दूरस्थ/सीमांत किसानों तक पूरी पारदर्शिता के साथ पहुँचे। प्राकृतिक आपदाओं की समीक्षात्मक बैठक में कई बार बाढ़ से होने वाले गन्ना फसल क्षति पर कृषकों को हो रहे आर्थिक नुकसान पर काफी गंभीरता से विचार किया गया तथा यह निर्णय लिया गया कि सिंगल विंडो से फसल क्षति का अनुमान्य अनुदान प्रदान किया जायेगा। इस वर्ष से कृषि विभाग, बिहार को अन्य फसलों के साथ-साथ गन्ना फसल की क्षति के आकलन करने हेतु आॅनलाईन आवेदन प्राप्त कर अनुदान भुगतान का दायित्व सौंपा गया है, जिसे कृषि विभाग द्वारा कार्यान्वयन कराया जा रहा है।
माननीय उप मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि राज्य में खाद्य सुरक्षा का मौलिक दायित्व हमारे अन्नदाता कृषकों पर ही है। गन्ना उद्योग विभाग एवं कृषि विभाग के संयुक्त प्रयास से कृषकों को कम लागत पर अधिक आय एवं उत्पादन प्राप्त करने में संबलता प्रदान करने हेतु गन्ना के साथ अन्य फसलों की अंतर्वत्र्ती खेती हेतु योजना चलायी जा रही है, जिसमें बिहार राज्य बीज प्रमाणन एजेन्सी द्वारा चयनित क्षेत्रों में उन्नत किस्म के मसूर एवं मूंग का बीज उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि गन्ना एवं उद्योग विभाग के आपसी समन्वय से चीनी उद्योग के सह उत्पाद इथेनाॅल एवं विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त वातावरण निर्माण कराया जा रहा है। गुड़ आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु नयी गुड़ प्रोत्साहन नीति, 2021 तैयार करने की दिशा में गन्ना उद्योग विभाग द्वारा सतत् प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार एवं बिहार सुगर मिल्स एसोसियेशन की आपसी सहमति से गन्ना कृषकों की हितों को देखते हुए पेराई सत्र 2021-22 के लिए उत्तम एवं सामान्य प्रभेद के गन्ने पर 20 रू0 प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी करते हुए उत्तम प्रभेद का मूल्य 335 रू0 प्रति क्विंटल एवं सामान्य प्रभेद का मूल्य 315 रू0 प्रति क्विंटल निर्धारित किया है तथा निम्न प्रभेद पर भी 13 रू0 प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोत्तरी करते हुए 285 रू0 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। पेराई सत्र 2021-22 में गन्ना किसानों द्वारा आपूर्ति किये गये गन्ना के मूल्य का 92 प्रतिशत राशि का भुगतान चीनी मिल प्रबंधन द्वारा किया गया है। माननीय कृषि मंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि गन्ना उद्योग विभाग का कार्य-कलाप पहले कृषि विभाग द्वारा ही संचालित किया जाता था। किन्तु, गन्ना कृषक की हितों एवं राज्य में गन्ना आधारित उद्योगों यथा चीनी मिलों एवं गुड़ खाण्डसारी के समुचित विकास हेतु राज्य सरकार ने गन्ना उद्योग विभाग को एक पृथक एवं स्वतंत्र विभाग के रूप मंे संचालित करने का निर्णय लिया। इसके पीछे सरकार की स्पष्ट मंषा थी कि स्वतंत्र विभाग के रूप में राज्य की नगदी एवं वाणिज्यिक फसल के रूप में स्थापित हो चुके गन्ना फसल एवं उससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लगभग 5 लाख कृषक परिवारों एवं 50 हजार मजदूरों का जीविकोपार्जन को सरकार सीधे सम्वर्द्धित कर सके। श्री सिंह ने बताया कि बिहार में चीनी निर्माण करने वाली चीनी मिले अपने क्षेत्र के गन्ना उत्पादक कृषकों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने हेतु सतत् प्रयास कर रही है। गन्ना कृषकों की हित में गन्ना के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृृद्धि लाने के उद्देष्य से मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना एवं चीनी मिलों को प्रोत्साहन नीति के तहत आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने माननीय गन्ना मंत्री से मानव स्वास्थ्य के मद्देनजर अपील किया कि आर्गेनिक ईख उत्पादन के साथ-साथ आर्गेनिक गुड़ का उत्पादन भी गन्ना किसान/ईच्छुक उद्यमी द्वारा किया जाये। जैविक गन्ना खेती एवं आर्गेनिक गुड़ निर्माण की दिषा में कृषि विभाग स्तर से की जाने वाली हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। जैविक गुड़ निर्माण कार्यक्रम एवं अन्य योजनाओं के कार्यान्वयन में कोई भी समस्या नहीं आएगी। माननीय गन्ना उद्योग विभाग मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में बिहार में चीनी उद्योग आरम्भ हुआ था। चीनी उद्योग, राज्य का कृषि आधारित पुराना एवं महत्वपूर्ण उद्योग है। ईख बिहार का एक प्रमुख नगदी फसल है। ईख उत्पादन पर ही चीनी उद्योग का विकास एवं भविष्य निर्भर है। लगभग 5 लाख कृषक परिवारों एवं 50 हजार मजदूरों का जीविकोपार्जन इस उद्योग पर निर्भर करता है। 1904 ई॰ से लेकर 1940 ई॰ के बीच, राज्य में कुल 33 चीनी मिले स्थापित हुई थी। एक समय था, जब देश के चीनी उत्पादन का 40 प्रतिशत बिहार में ही होता था किन्तु, अब यह घटकर मात्र 2.5 से 3 प्रतिशत तक ही रह गया है। बिहार में कृषि योग्य भूमि लगभग 53.95 लाख हेक्टेयर है, जिसमें गन्ने की खेती लगभग 2.70 लाख हेक्टेयर में होती है। पेराई सत्र 2020-21 में चीनी रिकवरी 10.04 प्रतिषत एवं आच्छादन 2.70 लाख हेक्टर है तथा वर्ष 2021-22 में चीनी रिकवरी 10.50 प्रतिषत एवं आच्छादन लगभग 3.00 लाख हेक्टेयर अनुमानित है। श्री कुमार ने कहा कि गन्ना विभाग का मुख्य उद्देष्य बिहार में चीनी उद्योग की स्थापना, विकास और विस्तार के लिए उपयुक्त वातावरण निर्माण करना है। साथ ही, चीनी उद्योग के सह उत्पाद से इथेनाॅल एवं विद्युत उत्पादन भी राज्य में किया जा रहा है एवं इस क्षेत्र में निवेष की काफी संभावनायें हैं। गैर-चीनी मिल क्षेत्रों में भी गुड़ उत्पादन ग्रामीण आय का एक मुख्य स्रोत है। गुड़ आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु नयी गुड़ प्रोत्साहन नीति, 2021 तैयार किया गया है, जिसमें सक्षम प्राधिकार का स्वीकृति हेतु कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि पेराई सत्र 2020-21 में चीनी मिलों द्वारा गन्ना कृषकों का 99.73 प्रतिषत ईख मूल्य का भुगतान कर दिया गया है, जो देष में अन्य राज्यों से सबसे अधिक है। चालू पेराई सत्र 2021-22 में गन्ना पेराई का कार्य प्रगति पर है। गन्ना के चयनित प्रभेदों के प्रमाणित बीज पर क्रय पर सामान्य वर्ग हेतु 210 रू॰ प्रति क्ंिवटल तथा अनुसूचित/अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 240 रू॰ प्रति क्ंिवटल की दर से ईंख बीज क्रय अनुदान की राशि देय है। इस योजना का लाभ पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर देय होगा। सचिव, कृषि एवं गन्ना उद्योग विभाग डाॅ॰ एन॰ सरवण कुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना के अंतर्गत किसानों को गुणवत्तायुक्त गन्ना बीज उपलब्ध कराने से राज्य में विगत 05 वर्षों में चीनी रिकवरी दर में वृद्धि दर्ज की गई है। गन्ना किसानों की अतिरिक्त आय हेतु बिहार राज्य बीज निगम से गन्ना फसल के साथ अंतर्वत्र्ती खेती के लिए अनुशंसित फसलों के बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। गन्ना किसानों को राज्य के बाहर प्रषिक्षण तथा कृषि यांत्रिकरण योजना में उपर्युक्त सभी प्रकार के यंत्रों पर अनुदान की व्यवस्था की जायेगी। ‘‘जल-जीवन-हरियाली’’ अभियान के अंतर्गत गन्ना उत्पादन क्षेत्रों में जल-जमान की समस्या विषेषकर अतिक्रमण के कारण जल-जमान के समाधन हेतु सभी जिला पदाधिकारी को निदेषित किया गया है। इस अवसर पर ईंखायुक्त श्री गिरिवर दयाल सिंह, निदेशक अर्थ एवं साख्यिकी श्री बैद्यनाथ यादव, कृषि निदेषक श्री सावन कुमार, संयुक्त निदेशक, गन्ना उद्योग विभाग श्री ओंकारनाथ सिंह सहित गन्ना उद्योग विभाग के अन्य पदाधिकारी तथा वैज्ञानिकगण उपस्थित थे।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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