SBI ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ा सारा डेटा चुनाव आयोग को सौंपा

Electoral Bonds: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन ने सुप्रीम कोर्ट में अनुपालन हलफनामा दायर करने के बाद कहा, अल्फान्यूमेरिक संख्याओं सहित चुनावी बॉण्ड के सभी विवरण चुनाव आयोग को बता दिए गए हैं.

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसबीआई को बॉण्ड की सभी जानकारियों का पूरी तरह खुलासा करना होगा. पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं.

15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था

सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे असंवैधानिक करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था.

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से जानकारी देने के लिए समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी

सुप्रीम कोर्ट ने 11 मार्च को एसबीआई को बड़ा झटका देते हुए चुनावी बॉण्ड संबंधी जानकारी का खुलासा करने के लिए समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी और उससे पूछा था कि उसने अदालत के निर्देश के अनुपालन के लिए क्या कदम उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एक मार्च 2018 से 11 अप्रैल 2019 तक बेचे गए चुनावी बॉण्ड की जानकारियों का खुलासा करने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से भी इनकार कर दिया.

चुनावी बॉण्ड से बीजेपी को मिले 6986.5 करोड़ रुपये

एसबीआई ने जो आंकड़े चुनाव आयोग को सौंपे हैं, उसके अनुसार बीजेपी को 2018 में चुनावी बॉण्ड योजना के लागू होने के बाद से सबसे अधिक 6986.5 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई. इसके बाद पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को 1397 करोड़ रुपये, कांग्रेस को 1334 करोड़ रुपये और भारत राष्ट्र समिति 1322 करोड़ रुपये का स्थान रहा.

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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