सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा है कि उनकी सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.

Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश के सियासी संकट पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान आया है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पांच साल तक चलेगी. जब से मैं राज्य का सीएम बना हूं, तब से जयराम ठाकुर ऑपरेशन लोटस में व्यस्त हैं. किसी को भी सत्ता का इतना भूखा नहीं होना चाहिए. लोगों ने हमारी सरकार चुनी है और हम पांच साल तक सत्ता में रहेंगे.

मैं उनकी साजिश का शिकार नहीं बनूंगा- सीएम सुक्खू
वहीं, हिमाचल प्रदेश के सोलन में एक सार्वजनिक रैली में के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैं यहां राज्य के लोगों के लिए हूं. मेरा काम आपके और आपके कल्याण के लिए समर्पित होगा. सीएम सुक्खू ने कहा कि मैं कभी भी उनकी साजिश का शिकार नहीं बनूंगा.  उन्होंने कहा कि 28 फरवरी को जब बजट सदन में पारित होने के लिए तैयार था, तब 27 फरवरी को वे अध्यक्ष के पास गए और उन्हें धमकी दी, यह उनकी मानसिकता है.  सीएम सुक्खू ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा अपनी ईमानदारी बेच दी है.

छह बागी विधायकों से मिला मंत्री विक्रमादित्य सिंह
गौरतलब है कि प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी चेज हैं. राज्यसभा चुनाव के बाद से ही प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व में हलचल है. एक समय लगने लगा था कि प्रदेश सरकार गिर सकती है. हालांकि राजनीतिक हालात में अब सुधार है. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली जाने से पहले अयोग्य घोषित किए गए कांग्रेस के छह विधायकों से हरियाणा के पंचकूला में मुलाकात की. जिसके बाद सीएम सुक्खू ने कहा कि विक्रमादित्य सिंह ने गुरुवार को ही बताया था कि कांग्रेस के कुछ बागियों ने उनसे संपर्क किया है और वे वापस आना चाहते हैं. जिस पर सुक्खू ने कहा कि उन्होंने बागियों को शीर्ष नेतृत्व से बात करने को कहा है.

बता दें, हिमाचल प्रदेश की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में कांग्रेस के छह बागियों ने ‘क्रॉस वोटिंग’ की थी जिसके चलते भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार हर्ष महाजन ने कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को हरा दिया था. इसके बाद, कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने शिमला में पार्टी विधायकों से बात करने के लिए पर्यवेक्षकों की एक टीम भेजी. इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने विधानसभा में राज्य के बजट के लिए मतदान पर पार्टी व्हिप का कथित तौर पर उल्लंघन करने के चलते संबंधित छह विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया.‘क्रॉस वोटिंग’ के घटनाक्रम के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रमुख प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिपरिषद से अपने इस्तीफे की घोषणा की थी, लेकिन पर्यवेक्षकों के साथ बैठक के बाद उन्होंने अपना रुख नरम कर लिया.
भाषा इनपुट के साथ

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Sunil Kumar Dhangadamajhi

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