गरियाबंद: नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के संबंध में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा निर्देश प्रसारित किया गया है : जिसके अनुसारधार्मिक स्थल के प्रवेश द्वार पर सेनिटाईजर डिसपेन्सर एवं थर्मल स्कीनिंग की व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। दही हांडी (मटकी फोड़) के आयोजन की अनुमति नहीं होगी। परिसर में केवल अलक्षण (बिना लक्षण) वाले व्यक्तियों को प्रवेश हेतु अनुमति दी जावे। फेस कव्हर/मास्क का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जावे। कोविड-19 के निवारक उपायों के बारे में पोस्टर/बैनर/स्टैण्डी प्रमुखता से प्रदर्शित किये जाएं। कोविड-19 के निवारक उपायों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए ऑडियो और विडियो क्लिप को नियमित रूप से चलाया जाना चाहिए। आगंतुको को परिसर में कमशः एक के बाद एक ही प्रवेश दिया जावे। एक साथ परिसर के भीतर भीड़ इकट्ठा न किया जावे। स्वयं के वाहन से आने वाले श्रद्धालुओं के जूते, चप्पल उनके वाहन में ही रखकर धार्मिक/पूजा स्थल में प्रवेश हेतु निर्देशित किया जाये। अन्य श्रद्धालुओं हेतु अलग-अलग स्लॉट अनुसार जूते/चप्पल रखने की व्यवस्था की जावे। परिसर के बाहर एवं पार्किंग स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग /फिजिकल डिस्टैंसिंग को ध्यान में रखते हुए उचित भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित किया जावे। परिसर के बाहर और भीतर स्थित सभी दुकान, स्टॉल, कैफेटेरिया आदि में हमेशा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जाना होगा। कतार व्यवस्था एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने हेतु परिसर में चूने या अन्य किसी उचित रंग से गोल घेरा/सर्कल/निशान लगाई जावे। प्रवेश हेतु कतार में खड़े होने वाले व्यक्तियों के मध्य न्यूनतम 6 फीट की शारीरिक दूरी सुनिश्चित की जावे। आगंतुकों को परिसर में प्रवेश करने से पहले अपने हाथों और पैरों को साबुन और पानी से धोना होगा। बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जाए, कि पर्याप्त सोशल डिस्टेंसिंग/फिजिकल डिस्टेंसिंग बनी रहे। मुर्ति/धार्मिक ग्रंथों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी। धार्मिक स्थलों में बड़ी सभाएं अथवा मंडली कार्यक्रम आयोजन प्रतिबंधित होगा।
संक्रमण के फैलने की संभावना को देखते हुए जहां तक संभव हो, रिकॉर्ड किये गये भक्ती संगीत/गाने बजाए जा सकते हैं। परिसर के भीतर लोगों से मिलते-जुलते समय फिजीकल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित की जावे। धार्मिक/पूजा स्थल के भीतर सार्वजनिक चटाई/दरी के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। आगंतुक अपने साथ स्वयं की दरी/चटाई ला सकते हैं। धार्मिक/पूजा स्थल के भीतर प्रसाद वितरण एवं पवित्र जल का छिड़काव करने की अनुमति नहीं होगी। धार्मिक/पूजा संस्थान के प्रबंधन द्वारा धार्मिक/पूजा स्थल की नियमित साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। परिसर के फर्श को विशेष रूप से दिन में कई बार साफ किया जाये। आगंतुकों अथवा कर्मचारियों द्वारा उपयोग किये गये फेस कवर/मास्क /दस्ताने के उचित निपटान हेतु व्यवस्था सुनिश्चित की जावे तथा वैक्सिनेशन (टीकाकरण) हेतु प्रेरित करें। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
छत्तीसगढ़ स्टेट ब्यूरो चीफ उमेश यादव की रिपोर्ट Yadu News Nation