रायपुर/देवभोग: आदिम जाति अनुसंधान केंद्र नया रायपुर (छ.ग.)के शोधकर्ता डॉ.अनिल विसुलकर, डॉ अमर दास की टीम देवभोग, जिला गरियाबंद पहुची। जिसमे आदिवासी राजगोड़ समाज के ऐतिहासिक, धार्मिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, भाषा, रहन -सहन, खान पान, वेश भूषा, परम्परागत रीति रिवाज, आदि विषयों पर शोध कार्य फ़ोटो ग्राफी, वीडियो ग्राफी, के माध्यम से किया गया। देवभोग ब्लॉक के आदिवासी अंचल में सगा समाज की उपस्थिति में विभिन्न जानकारियां ली गयी।
जिसमे राजगोंड की उत्पति से लेकर वर्तमान समय तक की जानकारी समाज प्रमुख द्वारा दिया गया। जिसमे आखेट से लेकर युद्ध कला तक कि अस्त्र शस्त्र, परम्परागत वेश भूषा, रहन सहन, खान पान, संस्कृति से सम्बंधित राजगोंड की पहचान, भाषा, गोत्र व्यवस्था, देव व्यवस्था, सामाजिक ब्याह व्यवस्था, न्याय व्यवस्था, दन्ड विधान, दैनिक जीवन मे लाये जाने वाले साधन, जैसे–जाता, कुटेन, ढेकी, बर्तन(मिट्टीके), मिट्टी की लिपाई पुताई, घरो की बनावट आदि के बारे जानकारी ली गई।
देव गुड़ी, देवी देवता,वाद्य यंत्र ,बलि प्रथा, जन्म, नामकरण, कोनाबरी, रजस्वला, विवाह,मृत्यु। मातृ शक्ति पहनावा में-लुगा, कपडा, पितृ शक्ति पहनावा में-धोती गमछा, पगड़ी।एवम आभूषण के बारे मातृ शक्तियो से जानकारी लिया गया।साथ ही राजगोंड समाज के समूचित विकास हेतू समाज में जागरूकता लाने हेतु सगा समाज प्रति बद्ध हुए।
इस बीच शोध कर्ता टीम के सहयोग में राजगोंड समाज के प्रमुख, तिरु.धनसिंह मरकाम(दाढ़ी), तिरु.दयाराम मांझी, तिरु.हेमराज मांझी, तिरु.डोमार मरकाम,तिरु. विनोद ध्रुवा, तिरु.हेमन्त मरकाम, तिरु.दिगाम्बर मरकाम, भारत मरकाम, सनत मरकाम, अश्विन ध्रुवा, दुरुब ध्रुवा, बसन्त मरकाम, नाथूराम ध्रूवा, तिरुमाय शांति ध्रुवा, सरिता मरकाम, तिरुमाय यशोदा सोरी, जगमोहन नेताम, मानसिंह मरकाम, दिलेश ओटी, चन्द्रध्वज मरकाम, वासुदेव सोरी, चैतन नागेश,पूरन नागेश,गणेश नागेश, मिठू ध्रुवा, ठाकुर ध्रुवा, केशबो ध्रुवा, भलो मरकाम आदि समाज के सदस्य उपस्थित रहे।
छत्तीसगढ़ स्टेट ब्योरो चीफ उमेश यादव की रिपोर्ट YADU NEWS NATION