मास्टर सोबरन मांझी पुस्तकालय में कवि गोष्ठी सम्पन

जमशेदपुर। सोबरन मांझी जिला पुस्तकालय (पीपल्स ऐकेडमी ,बाराद्वारी) में अशोक शुभदर्शी की अध्यक्षता में कवि गोष्ठी हुई जिसका संचालन डा उदय हयात ने किया। मँच पर पुस्तकालय के अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह,आजीवन सदस्य वीरेन्द्र प्रसाद सिंह, मुख्य अतिथि शिक्षाविद डॉ• त्रिपुरा झा आदि उपस्थित थे। अपने सँबोधन में एस पी सिंह ने पुस्तकालय भवन में बढती पाठकों एवं पुस्तकों की सँख्या पर हर्ष जताया एवं सभी का पुष्प माला देकर स्वागत किया।


कवि सम्मेलन की शुरुआत माधुरी मिश्रा ने माता शबरी से जुडा एक वन्दना गीत प्रस्तुत किया ,जिससे वातावरण भक्तिमय हो गया। रंगकर्मी अनीता सिंह ने कविता पढी- शब्द बोलते हैं कागज के सफेद पन्ने पर स्याह रात का दर्द बनकर –
कवि राजदेव सिन्हा ने कहा- वह सँग्या था मुखर,सजग हुआ सर्वनाम होकर,ओढ ली गरिमा विशेषण बना। शिक्षाविद डा त्रिपुरा झा ने मैथिली गीत गाया- पिया मोर बालक मैं तरुणी- –
सुनीता वेदी ने स्त्री विमर्श की कविता पढी- चूना पुट्टी मारकर तूने खुद को छुपा तो लिया पर दर्द नमी बनकर ,सीलन बनकर उभरा।


अशोक शुभदर्शी ने कहा- पाने के लिए यहां सिर्फ चेतना है और खोने के लिए भी चेतना ही है। उदय हयात ने कहा –
रूठना तो हक है पर टूटना नहीं अच्छा। कट के अलग होने का फल सफा नहीं अच्छा। पुस्तकालयाध्यक्ष कौशिक दत्ता ने धन्यवाद गूयापन की औपचारिकता पूरी की।इस अवसर पर उन्होने कवीन्द्र रवीन्द्र की एक बांग्ला कविता का पाठ किया।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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