चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी (आप) के प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस सरकार के भ्रष्ट और बदनाम मंत्रियों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग को लेकर मंगलवार को पंजाब के राज्यपाल माननीय वी.पी. सिंह बदनौर से मुलाकात की। नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा के साथ विधायक प्रिंसिपल बुधराम, मास्टर बलदेव सिंह, जय कृष्ण सिंह रौड़ी, मंजीत सिंह बिलासपुर, कुलवंत सिंह पंडोरी और गुरमीत सिंह मीत हेयर शामिल थे। आप प्रतिनिधिमंडल की ओर से राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, बलबीर सिंह सिद्धू, सुंदर शाम अरोड़ा और भारत भूषण आशु पर करोड़ों रुपये के घोटालों का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल बर्खास्त करने और उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की मांग की गई।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस के आधा दर्जन मंत्रियों के भ्रष्ट और काले कारनामों के चर्चे बड़े-बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि बच्चों के बीच भी मशहूर हो चुके हैं। बावजूद इसके अपने भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करना तो दूर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, कांग्रेस आलाकमान और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू उनके खिलाफ कुछ बोलने को भी तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष की जिम्मेदारी निभाते हुए आम आदमी पार्टी ने आज माननीय राज्यपाल से इन भ्रष्ट मंत्रियों को बर्खास्त करने का अनुरोध किया है। चीमा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के फंड में करोड़ों का घोटाला किया है, जिससे दो लाख से अधिक दलित छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। उन्होंने आगे कहा कि बेशक स्कॉलरशिप घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है, लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंत्री को दूध से धुला साबित करने के लिए अपने ही अधिकारियों से क्लीन चिट दिला दी है।
उन्होंने आगे कहा कि राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को उनकी अधिग्रहीत जमीन के लिए दो बार पैसा मिला है। बावजूद इसके उन्होंने तीसरी बार पैसे लेने का प्रयास किया है। चीमा ने कहा कि अपने पद का दुरुपयोग कर राणा सोढ़ी ने सरकारी खजाने को लूटा है। ऐसे में उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इलाज के लिए जरूरी फतेह किट खरीदने में घोटाले का आरोप लगाते हुए चीमा ने कहा कि मंत्री सिद्धू ने मोहाली के पास गौशाला के नाम पर एक करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से 10 एकड़ जमीन पर कब्जा किया है,जिसकी कीमत 100 करोड़ से भी अधिक है। जबकि भारत भूषण आशु पहले ही कई विवादों में घिरे हुए है। उन्होंने मंत्री आशु पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके करीबी अधिकारियों ने उनकी शह पर जंडियाला गुरु के 8 गोदामों में रखी 20 करोड़ की गेहूं अवैध तरीके से बेचकर सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाई है। चीमा ने मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा को भी कटघरे में खड़ा करते हुए उन पर इंडिस्ट्रीयल प्लाटों के आवंटन में घोटाला करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अरोड़ा ने जेसीटी कंपनी की 31 एकड़ जमीन को कौड़ियों के भाव बेचा है। इस जमीन की बिक्री का मुद्दा पंजाब विधानसभा में भी उठाया गया था। मामले की जांच में सामने आया था कि कम दाम पर जमीन को बेचने से सरकारी खजाने को 125 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू सहित कांग्रेस हाईकमान अपने भ्रष्ट मंत्रियों को बचाने और मामला दबाने की कोशिश कर रही है। लेकिन आए दिन उनके मंत्रियों के काले कारनामे अखबारों की सुर्खियों बटोर रहे हैं। नवजोत सिद्धू की ट्विटर जंग पर चीमा ने कहा कि अगर सिद्धू वास्तव में पंजाब का भला चाहते हैं, तो उन्हें तुरंत अपने भ्रष्ट मंत्रियों को पंजाब कैबिनेट से निकाल बाहर फेंकना चाहिए।