Akasa Air ने साल 2024 के शुरूआत में विमान इंडस्ट्री में बड़ा धमाका किया है. कंपनी ने बृहस्पतिवार को 150 बोइंग 737 मैक्स विमानों के लिए ऑर्डर दिया. दो साल से भी कम पुरानी एयरलाइन अपने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय परिचालन का विस्तार करना चाहती है, जिसके तहत यह ऑर्डर दिया गया है.
![](https://media.assettype.com/Prabhatkhabar/2022-06/3be0c3c7-5a98-4d83-9ab2-cd3aa8bc649d/air_traveling.jpg)
एयरलाइन ने एक बयान में कहा कि ताजा ऑर्डर, जिसमें 737 मैक्स 10 और 737 मैक्स 8-200 जेट शामिल हैं, से एयरलाइन को 2032 तक लगातार विमान मिल सकेंगे. इससे कंपनी की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विस्तार योजनाओं को मजबूती मिलेगी.
![](https://media.assettype.com/Prabhatkhabar/2023-12/8e56e95b-33b5-4e2c-a17e-42d57033159b/travelling.jpg)
अकासा एयर ने 2021 में 72 बोइंग 737 मैक्स विमानों का प्रारंभिक ऑर्डर दिया था. इसके बाद कंपनी ने जून 2023 में चार बोइंग 737 मैक्स-8 विमानों का ऑर्डर दिया. बयान में कहा गया कि जनवरी 2024 के इस ताजा सौदे के साथ एयरलाइन की कुल ऑर्डर बुक बढ़कर 226 विमानों तक हो गई है.
![](https://media.assettype.com/Prabhatkhabar/2024-01/b083bba2-81bf-4126-8861-fdb015a6292f/akasa_air.jpg)
अकासा एयर वर्तमान में 22 विमानों के बेड़े का संचालन करती है और उसे अगले आठ वर्षों के दौरान कुल 204 विमान मिलेंगे. एयरलाइंस के संस्थापक और सीईओ विनय दुबे ने कहा कि इस बड़े और ऐतिहासिक विमान ऑर्डर से एयरलाइन को इस दशक के अंत तक दुनिया की शीर्ष 30 अग्रणी एयरलाइनों में शामिल होने में मदद मिलेगी.
![](https://media.assettype.com/Prabhatkhabar/2024-01/3e32121a-dfb8-44e1-b408-b20d4526b6f5/akasha.jpg)
विनय दुबे ने कहा कि हमारे बेड़े में ये बढ़ोतरी हमें अपने परिचालन की ताकत बढ़ाने में मदद करेगी और हम निकट भविष्य में अंतरराष्ट्रीय सेवाएं शुरू कर सकेंगे. इस ऑर्डर की घोषणा यहां ‘विंग्स इंडिया 2024’ कार्यक्रम में की गई.
![](https://media.assettype.com/Prabhatkhabar/2022-08/a63a2a65-074b-4da0-83d0-ac08548466c4/7c3f8743-0625-4a3d-8912-8e6a1293c108.jpg)
बता दें कि इस कंपनी में मार्केट के बिग बुल कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला का पैसा लगा है. जो अब उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला के हिस्से में है. इस विमान कंपनी को पिछले साल सितंबर के महीने में अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की अनुमति मिल गयी थी. हालांकि, इस बीच में कंपनी पायलटों की कमी और परिचालन में परेशानी का भी सामना करना पड़ा था.