नई दिल्ली: त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है. और इसी के ट्रेनों की मारामारी भी शुरू हो गयी थी. इस त्योहारी सीजन में हर कोई अपने घर जाना छह रहा है. ऐसे में भारतीय रेलवे की ओर से यात्रियों की सुविधा के लिए भी रेल मंत्रालय ने आगामी छठ पुजा को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों की मारामारी से निपटने और यात्रियों को ज्यादा सुविधा देने के लिए 179 जोड़ी यानी 358 स्पेशल ट्रेनों के 2269 फेरे लगाने का फैसला किया है. इस फैसले के बाद यात्रियों का रेल सफर बेहद आसान और सुगम हो होने की उम्मीद जतायी जा रही है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार भारतीय रेलवे इस साल छठ पूजा तक 179 जोड़ी विशेष ट्रेनों के 2,269 फेरे लगाने की सुविधा यात्रियों को दे रहा है. यात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को नियंत्रित करने और लोगों की सुविधा के लिए ये कदम उठाया गया है. बता दें कि इन त्योहारों के समय ट्रेनों में इतनी भीड़ होती है कि कई यात्रियों के टिकट वेटिंग में रहती है. अब रेल मंत्रालय के इस फैसले से उम्मीद है है कि ट्रेनों में वेटिंग की बजाय कन्फर्म सीट उपलब्ध हो सकेगी.
Indian Railways is running 2,269 trips of 179 pairs of special trains till Chhath Puja this year, to manage extra rush of passengers in the ongoing festive season: Ministry of Railways pic.twitter.com/F8fq61YghC
— ANI (@ANI) October 7, 2022
बताते चलें कि त्योहारी सीजन में हर साल घर जाने के लिए ट्रेनों में टिकटों की मारामारी इतनी ज्यादा हो जाती है कि हवाई टिकट के किराये में भी बढ़ोतरी हो जाती है. और इस साल भी ऐसे हालात अभी से पैदा होने लगे हैं. बता दें, दिवाली और छठ पूजा के मद्देनजर मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, कोलकाता, चेन्नई और पुणे जैसे बड़े शहरों से वाराणसी आने वाली ट्रेनों में सीटों की जबरदस्त मारामारी शुरू होने लगी है. इसको लेकर भारतीय रेलवे के द्वारा जरूरी कदम उठाए भी जा रहे है.
सूत्रों की मानें तो कैंट और बनारस स्टेशन से चलने वाली प्रमुख ट्रेनों के स्लीपर व एसी कोचों की वेटिंग लिस्ट में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है. हालांकि रेलवे के सभी जोनों की ओर से समय-समय पर स्पेशल ट्रेनों का संचालन भी किया जा रहा है. लेकिन इससे यात्रियों को अपेक्षानुसार राहत नहीं मिल पा रही है. अब भारतीय रेलवे ने खासकर छठ पूजा तक 179 स्पेशल ट्रेनों के 2269 फेरे लगाने का फैसला किया है. ऐसे में यात्रियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है.