पटना: कहते हैं ऊपर वाले की लाठी में आवाज नहीं होती है लेकिन जब लाठी पड़ती है तो संभालना भी मुश्किल हो जाता है। जिस तरह से मां अपने बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करती है और बेटा जब जवान होता है तो मां बाप के बुढ़ापे का सहारा होता है और मरने के बाद बेटा ही मां की अर्थी को कंधा देता है। लेकिन कभी-कभी होनी को कुछ और ही मंजूर होता है बीते 1 साल पहले वीरेंद्र कुमार के पिताजी का निधन 2020 के नवंबर माह में हुआ था अभी उनके पिताजी के निधन के 1 साल हुए भी है कि बीते 17 जनवरी को वीरेंद्र कुमार जी प्रतिदिन की भांति हर रोज पटना के राजा बाजार में आपने घर से दुकान जाने के लिए बाइक से निकले थे तभी दो-तीन किलोमीटर की दूरी पर रुकनपुरा पुल के नीचे उतरते ही तेज रफ्तार आता हुआ स्कॉर्पियो ने उनके बाइक में जोरदार टक्कर मारी उसके बाद वह सड़क के कहीं दूर जा गिरे और उनके सर में गंभीर चोटें आई। अपने मालिक और आम लोगों की मदद से उन्हें पास के ही निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। रात भर इलाज के दौरान उन्होंने 18 जनवरी को सुबह दम तोड़ दिया जिसको लेकर परिजनों का रो रो कर बुरा हाल था। वही इसे देखकर पचासी वर्षीय वृद्ध मां अपने बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त ना कर सके और वह भी आज सुबह चल बसी।
पटना से रामजी प्रसाद की रिपोर्ट Yadu News Nation