● प्राचीन काल से बाल्मीकि ऋषी के शरीर अस्थित्व पत्थर के रूप बनकर देवभोग क्षेत्र के घना जंगल ऋषि झरन में
गरियाबंद: देवभोग क्षेत्र के सहसखोल से जुड़ा हुआ जंगल पहाड़ी ऋषी झरन में अज्ञात सन् से बाल्मीकि ऋषी के अस्थित्व शरीर पत्थर के रूप में है।और वहां के आम जनता ओ का कहना है कि राम भगवान सीता माता लव कुश के साथ अयोध्या गए थे उसी समय ऋषी बाल्मीकि जी ऋषी झरन में बैठकर जाप,तपस्या करते हुए पत्थर के रूप ले लिए और हमे 30 साल पहले से पता चला व आस पास के गांव के लोगो ने जब जंगल आना जाना करते हुए लोग ऋषि रूप पत्थर को तंगली कुल्हाड़ी से टुकड़ा करके जलाते थे तो मनुष्य शरीर को जलाने से जो इश्मेल आता है वहीं इष्मेल आता था , तब लोग 20 साल से गायत्री परिवार के माध्यम से एक कुण्डीय गायत्री यज्ञ पूजा अर्चना करते हुए अा रहे है। व भजन कीर्तन भी वाद्य यंत्रों के साथ करते है, नए साल जनवरी 1 तारीख से पूरे महीने भर लोगो की आना जाना लगी रहती है।
20 साल से संस्था गठित किया गया है । 15 साल बीजेपी कार्यकाल था से उसी समय से मांग करते हुए अा रहे है पर्यटन स्थल और रोड के लिए अभी तक नहीं बन पाया , लोग अपना जान को जोखिम में डाल के जंगल चढ़ना पड़ता है लोग वहा जाते है झरना का पानी पीने को मजुबर होना पड़ता है। वहा जितने भी पब्लिक जाते है, ऋषि झरन संस्था के द्वारा खाना बनाकर खिलाते है।ऋषि झरन संस्था के प्रमुख श्री दीवधर चुरपाल , श्री दुर्योधन चंद्राकर, श्री कुंजल राम यादव, श्री झीबर चूरपाल ,श्री चरण यादव, श्री अरुण मिश्रा ,श्री बिरबाहु चंद्राकर ,श्री राम यादव श्री सुधीर भाई पटेल ,श्री शोभाचंद पात्र, श्री भूपेन्द्र मांझी,श्री गुलाब यादव, श्री जगत मरकाम,एवं सैकड़ों महिलाओं एवं पुरुषों की उपस्थिति थी। डिप्टी कलेक्टर श्री टी आर देवांगन ने कहा कि देवभोग ब्लॉक में एक ही जगह जो देखने लायक है , ऋषि झरन पर्यटन स्थल के रूप में सभी सुविधाएं होनी चाहिए। 6 महीने से शनिदेव जी की भी मूर्ति स्थापना किया गया है। हर शनिवार को लोग ऋषि झरन में पूजा अर्चना करते हुए अा रहे है। संस्था के सदस्यों की मांग है कि रोड एवं नल आश्रम , भवन का निर्माण होनी चाहिए।
छत्तीसगढ़ स्टेट हेड उमेश यादव की रिपोर्ट Yadu News Nation