‘रेल साइकिल’, जानिए क्‍या है इसकी खासियत

नई दिल्‍ली : भारतीय रेलवे अपने कर्मचारियों के लिए नयी तरह की ‘रेल साइकिल’ लेकर आया है जो दैनिक निरीक्षण, निगरानी और पटरी की मरम्मत के कार्य से जुड़े स्टाफ के लिए मददगार होगी। पूर्वी तटीय रेलवे ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी। यह रेल साइकिल पटरियों पर औसतन 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। विज्ञप्ति में कहा गया कि ये रेल साइकिल पटरियों की देखरेख से जुड़े कर्मियों की पटरियों के निरीक्षण और निगरानी में मदद करेंगी, खासकर मानसून के दौरान। इसमें कहा गया कि ये साइकिल गर्मी के मौसम में भी गश्त के दौरान काफी मददगार होंगी।

उठाया भी जा सकता है। साइकिल के आगे के पहिए से लंबा पाइप जुड़ा हुआ है और इस पाइप में लोहे का छोटा पहिया लगा हुआ है, जो पटरी पर एक तरफ चलेगा। दूसरे तरफ की पटरी के लिए भी दो पाइप हैं। इसमें भी लोहे का पहिया लगाया गया है, वह दूसरी पटरी पर चलेगा।

साइकिल को बनाने में रेल कार्ट के दो पुराने पहिये और लोहे के दो पाइपों का उपयोग हुआ है. इससे ट्रैक पर साइकिल का बैलेंस बना रहेगा और पटरी से गिरने का खतरा नहीं होगा। इस पर दो व्यक्ति बैठ सकते हैं और इसकी औसत गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा है। हालांकि रेल साइकिल को अधिकतम 15 किलेामीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी चलाया जा सकता है।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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