बीजिंग : चीन में 2022 और संभवतः अगले पांच साल का सबसे बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम 16 अक्टूबर को आयोजित होने जा रहा है। इस दिन सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) की 20वीं नेशनल कांग्रेस का आयोजन होगा जहां इसके 9 करोड़ सदस्य इकट्ठा होंगे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस कांग्रेस में अपना कार्यकाल और पांच साल बढ़ाने की घोषणा करेंगे। वह सीसीपी के जनरल सेक्रेटरी पद के लिए एक बार फिर चुने जा सकते हैं। संभावनाएं इसकी भी हैं कि वह पार्टी के नए चेयरमैन भी बन सकते हैं, 1982 के बाद से यह पद निष्क्रिय है। चीन में नेशनल कांग्रेस 2022 का आयोजन ऐसे समय पर हो रहा है जब हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बड़ा फेरबदल हुआ है।
यूरोप में पिछले आठ महीनों से रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा है। एक ओर पूरी दुनिया बुलंद आवाज में इस जंग की निंदा कर रही है तो वहीं चीन रूसी हमले का मौन समर्थक बना हुआ है। वहीं ताइवान को लेकर क्षेत्र में तनाव अपने चरम पर है। हाल के महीनों में चीन ने मुखर होकर ताइवान पर अपना दावा किया है जिससे अमेरिका के साथ उसके संबंधों में खटास और बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय संबंधों के अलावा चीन लचर अर्थव्यवस्था, कोविड के बाद के दुष्प्रभावों और महामारी की नई लहर जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मीटिंग से पहले नेशनल कांग्रेस के बारे में कोई भी जानकारी बाहर नहीं आ रही है। लिहाजा दुनिया को इसका कोई अंदाजा नहीं है कि 16 अक्टूबर को चीन में क्या होने वाला है। अमेरिका के जॉन एल. थॉर्नटन चाइना सेंटर के डायरेक्टर चेंग ली ने कहा कि अपने पहले कार्यकाल में जिनपिंग ने बड़े पैमाने पर अपने राजनीतिक सहयोगियों के तौर तरीकों से देश पर शासन किया। लेकिन अगले कार्यकाल में, जिनपिंग ऐसे नेताओं की टीम के साथ देश पर शासन करेंगे, जिन्हें खुद उन्होंने राजनीतिक में आगे बढ़ाया है। ली ने कहा, ‘यह उन्हें और ज्यादा ताकतवर बनाएगा।’
जिनपिंग दुनिया को यह दिखाते हैं कि चीन में उनकी सरकार के तहत सब कुछ अच्छा चल रहा है। लेकिन कोरोना को काबू करने के लिए ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ के खिलाफ जनता का विरोध उनके इस प्रपंच की पोल खोल देता है। जिनपिंग राष्ट्रपति के तौर पर अपना कार्यकाल बढ़ाकर महत्वपूर्ण विभागों में ऐसे अधिकारियों की संख्या बढ़ा सकते हैं जो उनके इशारे पर तानाशाही फरमानों को जनता पर थोपने का काम करेंगे। लेकिन सीसीपी की नेशनल कांग्रेस सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए बेहद होने वाली है।