प्रतापगढ, (सुरेश यादव): ग्राम सभा बरिस्ता मे कृषि के क्षेत्र मे नित नए प्रयोग के लिए मशहूर बरियार पुर के लंबरदार बंधुओ ने हाल ही मे केले के बाद अब लहसुन की खेती पर जोर दिया है। लगभग डेढ एकड मे लहसुन की खेती का कार्य प्रगति पर है। ग्राम सभा बरिस्ता के बरियार पुर निवासी लंबरदार कमलेश सिंह और योगेश प्रताप सिंह (बबलू ) दोनो भाई कृषि के क्षेत्र मे नित नए प्रयोग के लिए जाने जाते है। वर्षो पूर्व पिपरमेनट की खेती का प्रयोग किया था और अब कुछ दिन पहले केले की शुरुआत करने के बाद अब त्रिलोकी पुर बाग के करीब स्थित डेढ एकड खेत मे लहसुन की खेती का काम शुरू किया है। हालाकि लहसुन की खेती का कार्य प्रगति पर है। अक्सर यह देखा गया है कि इस सीजन मे लोग आलू की बुआइ पर जोर देते है लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि वर्षो पुरानी आलू बोने की पुरानी पंरपरा से दूरी बनाकर लहसुन की फसल पर जोर दे रहे है। लोगो का मानना है कि भारी लागत के बावजूद आलू की फसल किसान के लिए घाटे की खेती बनती जा रही है तो विकल्प के रूप मे कोई दूसरा उपाय करना होगा। ग्राम सभा बरिस्ता मे भारी मात्रा मे किसान आलू की खेती करते है। लंबरदार बंधुओ का प्रयोग सफल रहा तो हो सकता है भविष्य मे बरिस्ता से आलू की खेती का सफाया हो जाये। लंबरदार कमलेश सिंह ने बताया कि गांव मे रोजगारपरक खेती की जरूरत है। जिससे आमदनी भी हो और लोगो को रोजगार भी मिले, कमलेश सिंह ने बताया कि इस क्षेत्र के लोग आमदनी के लिए आलू और मटर की खेती पर अधिक जोर देते है लेकिन दोनो फसल लगातार कई वर्ष से किसान के लिए नुकसानदेह साबित हो रही है। हर बार घाटा झेल पाना किसान के बस की बात नही है मंहगी बीज और खाद की उधारी भी चुकाना रहता है जिससे किसान काफी मानसिक तनाव से गुजर रहा है। कमलेश सिंह ने बताया कि जरुरी है आमदनी देने वाली खेती की जाए।