लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से सामने आई है। यहां आठवीं पास कथित डॉक्टर ने डिलिवरी के दौरान केस बिगड़ने पर जच्चा-बच्चा को लखनऊ रेफर कर दिया। इस दौरान दोनों की मौत हो गई। जिसके बाद मृतकों के परिजनों ने पुलिस को तहरीर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इस दौरान पुलिस की जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए है। पुलिस जांच में जच्चा-बच्चा केंद्र बिना पंजीकरण के फर्जी चलता पाया गया है, जिसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दे दी गई है। साथ ही, पुलिस ने ऑपरेशन करने वाले आठवीं पास कथित डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद शुक्ल समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
ये मामला बल्दीराय थानाक्षेत्र के अशरफपुर गांव का है। गांव निवासी राजाराम कोरी प्रसव पीड़ा के दौरान अपनी पत्नी को डीह गांव स्थित एएनएम सेंटर गए थे। यहां मौजूद एएनएम रूबी के पति ने एंबुलेंस बुलाकर सैनी अरवल स्थित मां शारदा जच्चा-बच्चा केंद्र भेज दिया। अस्पताल कर्मियों के ऑपरेशन के कुछ देर बाद नवजात बच्चे की मौत हो गई। अत्यधिक रक्तश्राव से पूनम की भी हालत बिगड़ने लगी। इलाज के लिए लखनऊ ले जाते वक्त रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। जिसके बाद राजाराम ने बल्दीराय पुलिस को जच्चा-बच्चा केंद्र संचालक राजेश कुमार साहनी समेत चार लोगों के तहरीर दी है।
एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि पुलिस की जांच में पता चला कि लखीमपुर खीरी निवासी 12वीं पास राजेश कुमार साहनी ने इस अस्पताल को सात महीना पहले खोला था। उसने सर्जन के तौर पर आठवीं पास राजेंद्र प्रसाद शुक्ल निवासी रानी बाजार थाना पूरा कलंदर को व वाहन चालक के रूप में पूरे ओरी सराय अयोध्या निवासी अरुण कुमार मिश्र को भी अपने साथ रखा था। घटना वाले दिन पूनम का ऑपरेशन राजेंद्र प्रसाद शुक्ल ने ही किया था, जिसके बाद मां-बेटे की मौत हो गई।