नई दिल्ली: कृषि कानूनों पर जारी रस्साकसी के बीच सरकार और किसान संगठन शुक्रवार को आठवीं बार वार्ता की मेज पर होंगे। दोनों पक्षों की जिद और किसान संगठनों के शक्ति परीक्षण के बीच होने वाले इस वार्ता में नतीजा निकलने की उम्मीद कम है। सरकार सकारात्मक रुख का संदेश देने के लिए इस वार्ता में किसान संगठनों के समक्ष न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर बातचीत का प्रस्ताव रखेगी। वार्ता से पहले दोनों पक्षों के रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। दोनों पक्षों की निगाहें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर है। किसान संगठनों ने बृहस्पतिवार को ट्रैक्टर रैली निकाल कर शक्ति प्रदर्शन किया। इसके जरिए किसान संगठनों ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी और तीनों कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर डटे रहने का संकेत दिया। वहीं, सरकार की ओर से भी बार-बार संदेश दिया जा रहा है कि वह कानून वापसी की मांग को स्वीकार नहीं करेगी। इसके बदले वह इन कानूनों के एक-एक प्रावधान पर चर्चा करने के लिए तैयार है।