संयम एवं सादगीमय हो जीवन शैली -मुनि प्रशांत
सिलीगुड़ी (वर्धमान जैन): मुनि प्रशांत कुमार जी मुनि कुमुद कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ युवक परिषद द्वारा सामूहिक जन्मोत्सव एवं वैवाहिक वर्षगांठ जैन संस्कार विधि से आयोजित हुआ। जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा-जैन संस्कार विधि से सामूहिक जन्मोत्सव एवं वैवाहिक वर्षगांठ का आयोजन हुआ, ये आयोजन शुभ भविष्य के लिए होता है। शुभ भविष्य के लिए मंगलकामना करनी चाहिए। इस विधि में आशीर्वाद रूपी मंत्रो का उच्चारण किया गया। मंगल कारी मंत्रो का उच्चारण जिससे आपका जीवन और ज्यादा सुखी हो। विघ्न बाधा न आए और सफलता की ओर कदम बढता रहें। समृद्धि बढ़ती जाए। सब दृष्टि से जीवन में अच्छे से अच्छा विकास होता रहे, ऐसी मंगल भावना इस जन्म दिवस पर की जाती है। जब जैन विधि से ये मनाते है तब ये मंगलभाव करते हैं। दूसरी विधि से जैसे हमेशा करते हैं वैसा करेंगे तो आपकी न तो मंगलकामना होती है, न शुभ भविष्य की कामना होती है। मौज-मस्ती, फूहडपन से होटल इत्यादि में जन्मदिन मनाना हमारी संस्कृति नहीं है। जैन विधि से जन्मदिन मनाना कितना अच्छा होता है। अपने जीवन में अच्छी मंगलकामना करने का अवसर मिलता है। जन्मदिन पर केक काटना हमारी संस्कृति नहीं है। भारतीय संस्कृति में शुभअवसर पर मिठाई के द्वारा मुंह मीठा किया जाता है । जैन विधि से जन्मदिन आज आपको मना कर बता दिया कि कैसे आडम्बर रहित , अहिंसक तरीके से मंगलमंत्रों से जन्मदिन मना सकते है । एक दूसरे के हित का मनोभाव रखना ही मैत्री का संदेश है । बडो का आशीर्वाद हमारे जीवन में सहयोगी बनता है । तेरापंथ युवक परिषद द्वारा किया गया यह सकारात्मक कार्य समाज को जागृत करेगा संयम एवं सादगीमय जीवन जीने के लिए । संस्कारक ने जैन समाज मे धार्मिक चेतना जगाने का सफल एवं सार्थक कार्य कर रहा है।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा- हमारी संस्कृति गौरव शाली रही है । यहां के संस्कारों में अहिंसा , सद्भाव , विनम्रता , आत्मनिष्ठा एवं त्याग जैसे मानवीय मूल्यों का समावेश है । जीवन को प्रकाशमय बनाने का संस्कार दिया जाता है । जन्मदिन या अन्य खुशी के अवसरों पर अहिंसक एवं आडम्बर रहित मांगलिक प्रसंग को सम्पन्न करना जैन संस्कार विधि सिखाती है । किसी प्राणी को कष्ट देकर स्वयं की मंगल कामना करने से जीवन मंगलमय नही बनता है । हमारी संस्कृति होटल एवं बोटल की नही संयम एवं आध्यात्मिकता की है । स्वयं के प्रति मंगलकामना करना सबके कल्याण का चिंतन करना जैन संस्कार विधि का उद्देश्य है । सिलीगुड़ी तेरापंथ युवक परिषद ने अनुकरणीय कार्य किया है।
तेयुप मंत्री सचिन आंचलिया ने बताया – जैन संस्कारक ने जैन विधि का महत्व बताते हुए सविस्तार से प्रायोगिक रुप से 16 सदस्यों का जैन विधि से सामूहिक जन्मदिन एवं 6 सजोडों का वैवाहिक वर्षगांठ की विधिपूर्ण की । यश बैद ने विषय प्रस्तुति दी। तेरापंथ युवक परिषद् के सदस्यों ने विजय गीत से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन विकास दस्साणी ने किया। आभार ज्ञापन मोहित खटेड ने किया । तेरापंथ युवक परिषद ने सभी को उपहार प्रदान कर सम्मानित किया ।