मलेरिया के खिलाफ मील का पत्थर है यह टीका- SII
वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII, एसआईआई) के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि काफी लंबे समय से मलेरिया बीमारी दुनिया भर में करोड़ों लोगों के जीवन को खतरे में डालती रही है. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि टीके को मंजूरी मिलना मलेरिया से लड़ने में मील का पत्थर है. एसआईआई ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की मंजूरी मिलने के बाद अतिरिक्त नियामक मंजूरी शीघ्र ही मिलने की उम्मीद है और अगले साल की शुरुआत में आर 21/मैट्रिक्स-एम टीका का इस्तेमाल शुरू हो जाएगा. बता दें, इस टीके का फिलहाल घाना, नाइजीरिया और बुरकिना फासो में इस्तेमाल किया जा रहा है.