पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट जियो टीवी की खबर के अनुसार इशाक डार ने कहा, ‘मैं पारदर्शिता और वित्तीय अनुशासन में भरोसा करता हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि पाकिस्तान के परमाणु या मिसाइल कार्यक्रम के साथ समझौता करने के लिए ‘कोई भी तैयार’ नहीं है। बिल्कुल नहीं।’ पाक वित्त मंत्री ने कहा कि किसी को भी पाकिस्तान पर यह ‘हुक्म चलाने का कोई अधिकार नहीं है कि उसके पास कितनी रेंज की मिसाइलें और कौन से परमाणु हथियार हो सकते हैं’।
‘2022 में ही पूरा हो जाना चाहिए था कार्यक्रम’
डार ने कहा कि मौजूदा सरकार ने आईएमएफ के साथ वर्तमान समझौता नहीं किया है। वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार थी जिसने 2019 में इस कार्यक्रम पर मोहर लगाई थी। इशाक डार ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की स्वायत्तता और आईएमएफ की मांगों के आगे झुकने के लिए पीटीआई सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, ‘यह कार्यक्रम 2022 में ही पूरा हो जाना चाहिए था।’ उन्होंने कहा कि पहले की समीक्षाएं पूरी हो गई थीं लेकिन अब लगता है कि हर समीक्षा एक ‘नया कार्यक्रम’ बन गया है।
‘पाकिस्तान की तरफ से नहीं हो रही देरी’
पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने कहा कि देरी मौजूदा सरकार की ओर से नहीं हो रही है। उन्होंने कहा, ‘हमने सब कुछ पूरा कर लिया है। मैं आपको बताना चाहता हूं कि कुछ मित्र देशों ने द्विपक्षीय रूप से पाकिस्तान का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई है। आईएमएफ अब कह रहा है कि उन्हें वास्तव में उन प्रतिबद्धताओं को पूरा करना चाहिए और उन्हें अमल में लाना चाहिए।’ आईएमएफ का लोन पाकिस्तान के लिए वर्तमान में सबसे बड़ी जरूरत है जो दिवालिया होने की कगार पर खड़ा है।