चीन ने जासूसी गुब्‍बारे को बताया नागरिक प्‍लेन, कभी अमेरिका रखता था दुश्‍मन पर नजर, आज मचा रहा है इतना शोर

वॉशिंगटन: चीन के जासूसी गुब्‍बारे ने अमेरिका के साथ रिश्‍तों को खतरे में डाल दिया है। चीन का कहना है कि अमेरिकी हवाई क्षेत्र के ऊपर देखा गया गुब्बारा ‘नागरिक हवाई जहाज’ है, जिसका इस्तेमाल रिसर्च के लिए किया गया था और वह दिशा भटक गया। चीन ने इस पर खेद जताया है। इस जासूसी गुब्‍बारे की वजह से अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने अपना चीन दौरा भी कैंसिल कर दिया है। यह जासूसी गुब्‍बारा मोंटाना में देखा गया था। ब्लिंकन अगले हफ्ते चीन की यात्रा पर जाने वाले थे। यहां पर उन्‍हें चीनी समकक्ष किन गांग से मुलाकात करनी थी। उनके एजेंडे में चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग से मीटिंग भी शामिल थी। लेकिन आज जिस जासूसी गुब्‍बारे की वजह से इतना बवाल हो रहा है उसका प्रयोग अमेरिका ने ही सबसे पहले शुरू किया था।

क्‍या है इसका इतिहास
द्वितीय विश्‍व युद्ध के समय जापान की सेनाओं ने इन गुब्‍बारों की मदद से अमेरिका की सीमा में बम गिराने की कोशिशें की थीं। इनमें एक गुब्‍बार ओरेगॉन वुडलैंड में जाकर गिरा। इसमें तीन नागरिकों की मौत हुई लेकिन किसी भी सैन्‍य अड्डे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। अमेरिकी सेना ने द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद ऊंचाई पर उड़ने वाले जासूसी गुब्‍बारे के प्रयोग के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की।

अपने मकसद को पूरा करने के लिए उसने प्रोजेक्‍ट जेनेट्रिक्‍स को लॉन्‍च किया। आधिकारिक रेकॉर्ड के मुताबिक इस प्रोजेक्‍ट के तहत सन् 1950 में सोवियत संघ के कुछ हिस्‍सों की फोटो इकट्ठा की गई थीं। इस प्रोजेक्‍ट को WS-119L के तौर पर भी जाना गया। इसके तहत जनरल मिल्‍स ने चीन, पूर्वी यूरोप और सोवियत संघ की जासूसी करवाई थी।

इस प्रोजेक्‍ट के तहत जो गुब्‍बारे प्रयोग हुए वो किसी फाइटर प्‍लेन से भी ज्‍यादा की ऊंचाई में उड़े थे। 10 जनवरी से 6 फरवरी 1956 के बीच अमेरिका ने ऐसे 516 गुब्‍बारों को लॉन्‍च किया था। कई गुब्‍बारों को या तो गिरा दिया गया या फिर वो खुद ही गिर गए। जासूसी गुब्‍बारे साधारणतौर पर 80,000 से एक लाख से बीस हजार फीट की ऊंचाई तक ऑपरेट करते हैं। अमेरिका के पास यू-2 जैसे ताकतवर जासूसी प्लेन है ओर यह 80,000 फीट से ज्‍यादा की ऊंचाई तक जा सकता है।

चीन ने कहा कि वह अमेरिका के ऊपर जासूसी गुब्बारे उड़ने की खबरों पर गौर कर रहा है। उसने कहा कि वह कानून का पालन करता है और उसकी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन करने की कोई मंशा नहीं है। चीन के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि जिस गुब्बारे पर अमेरिका को निगरानी करने का संदेह है, वह असैन्य उद्देश्य वाला है जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से मौसम संबंधी अनुसंधान के लिए किया जाता है। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हवा के चलते गुब्बारे की परिचालन क्षमता सीमित है और यह “अपने नियोजित मार्ग से बहुत दूर भटक गया है”। इसने कहा कि चीन अमेरिकी हवाई क्षेत्र में अपने गुब्बारे के अनायास प्रवेश पर खेद व्यक्त करता है।

इससे पहले, चीन ने कहा था कि वह अमेरिकी वायु क्षेत्र में अपने गुब्बारे के उड़ने से संबंधित खबरों की पड़ताल कर रहा है। उसने इस मुद्दे पर शांति बरतने की अपील करते हुए कहा था कि उसका ‘ किसी भी संप्रभु देश के क्षेत्राधिकार तथा वायु क्षेत्र का उल्लंघन करने का कोई इरादा नहीं है।’ अमेरिका के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने पत्रकारों से कहा कि वाशिंगटन को ‘ बहुत ज्यादा विश्वास’ है कि यह चीन का अत्यधिक ऊंचाई पर उड़ने वाला गुब्बारा था और यह सूचना एकत्रित करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में उड़ रहा था। अधिकारी ने बताया कि जिन स्थानों पर गुब्बारे को देखा गया उनमें मोंटाना भी शामिल है जहां देश के तीन परमाणु मिसाइल प्रक्षेपण स्थल हैं।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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