चीन से खतरे के बीच नौसैनिक ताकत बढ़ा रहा जापान, जापानी नौसेना ताइगी क्लास की तीसरी पनडुब्बी को अपने बेड़े में शामिल करेगी

टोक्यो: चीन से बढ़ते खतरे के बीच जापान ने अपनी रक्षात्मक तैयारियों को बढ़ा दिया है। इस बीच जापानी नौसेना में ताइगी क्लास की तीसरी पनडुब्बी शामिल होने जा रही है। बड़ी संख्या में लीथियम ऑयन बैटरियों से सुसज्जित यह पनडुब्बी डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की तुलना में काफी ताकतवर मानी जाती हैं। ताइगी क्लास की पनडुब्बी को बिग व्हेल के नाम से भी जाना जाता है। इस क्लास की तीसरी पनडुब्बी को 12 अक्टूबर को जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स में कमीशन किया जाएगा। दो दिन पहले ही जापान ने अमेरिका के साथ मिलकर पूर्वी चीन सागर में एंटी सबमरीन वारफेयर की प्रैक्टिस की थी। जापान को डर है कि चीनी और रूसी पनडुब्बियां उसके जल क्षेत्र में घुसपैठ कर सकती हैं। इस बीच उत्तर कोरिया के लगातार मिसाइल परीक्षण से भी दक्षिणी और पूर्वी जापान सागर में तनाव बना हुआ है।

जापानी नौसेना में 22 पनडुब्बियां हैं शामिल
वर्तमान में जापानी नौसेना में 22 पनडुब्बियां शामिल हैं। इसके अलावा ताइगी क्लास की दूसरी पनडुब्बी अभी समुद्री परीक्षण से गुजर रही है। वर्तमान में जापानी नौसेना में शामिल पनडुब्बियों में ताइगी क्लास की जेएस ताइगी, सोर्यू क्लास की जेएस सोर्यू, जेएस उनर्यू, जेएस हाकूर्यू, जेएस केन्रयू, जेएस ज़ुइर्यू, जेएस कोकुरी, जेएस जिनर्यू, जेएस सेकिरी शामिल हैं। इनके अलावा ओयाशियो-क्लास क्लास की जे एस उज़ुशियो, जेएस माकिशियो, जेएस इसोशियो, जेएस नारुशियो, जेएस कूरोशियो, जेएस ताकाशियो, जेएस, याइशियो, जेएस सेतीशियो और जजेएस मोचीशियो शामिल हैं।

ताइगी क्लास की पनडुब्बी के बारे में जानें
ताइगी क्लास की पनडुब्बियां जापान मैरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के लिए विकसित अटैक सबमरीन का नया क्लास है। इस पनडुब्बी को पुरानी पड़ चुकी सोर्यू क्लास की पनडुब्बियों को रिप्लेस करने के लिए बनाया गया है। ताइगी क्लास की पनडुब्बी बड़ी मात्रा में लिथियम-आयन बैटरी से लैस है, जिससे यह पारंपरिक डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों की तुलना में पानी के नीचे लंबे समय तक रह सकती है और तेज स्पीड से यात्रा भी कर सकती है।

क्यों विकसित की गई ताइगी क्लास की पनडुब्बी
ताइगी क्लास की पनडुब्बी को नेक्स्ट जेनरेशन की पनडुब्बियों की क्षमताओं में सुधार करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस पनडुब्बी पर रिसर्च का काम 2005 से 2008 के बीच किया गया था। ताइगी क्लास की पहली पनडुब्बी के प्रोटोटाइप का इन हाउस परीक्षण 2007 से 2009 के बीच किया गया। इस पनडुब्बी को बनाने में 800 मिलियन येन का बजट जारी किया गया था। इसे नेक्स्ट जेनरेशन के पनडुब्बी सोनार, शक्तिशाली लीथियम आयन बैटरी और एयर इंडिपेंडेंट प्रपल्शन से लैस किया गया है। इस कारण यह पनडुब्बी काफी शांत, शक्तिशाली हो गई है।

Japan Ship 01

कितनी ताकतवर है ताइगी क्लास की पनडुब्बियां
ताइगी क्लास की पनडुब्बियों को मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज और कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज मिलकर बनाती हैं। इसकी एक पनडुब्बी बनाने का खर्च 635 मिलियन डॉलर आंका गया है। इस तरह की कुल 7 पनडुब्बियों को बनाने की प्लानिंग की गई है, जिनमें से दो को डिलीवर किया जा चुका है। इसका कुल डिस्प्लेसमेंट 3000 टन है। इस पनडुब्बी की लंबाई 84 मीटर और बीम 9.1 मीटर की है। इसमें ZPS-6H सरफेस, लो लेवल एयर सर्च रडार, Oki ZQQ-8 सोनार लगाया गया है। वहीं, इसमें 6 HU-606 21 इंच के टारपीडो ट्यूब भी दिए गए हैं। यह पनडुब्बी हार्पून एंटी शिप मिसाइल भी फायर कर सकती है।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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