मुनिश्री प्रशांत कुमार जी और मुनिश्री कुमुद कुमारजी ने बांग्लादेश की सीमा से दिया शांति अहिंसा का संदेश

श्रीभूमि (बर्धमान जैन): आचार्य श्री महाश्रमणजी के सुशिष्य मुनिश्री प्रशांत कुमार जी मुनिश्री कुमुद कुमारजी श्रीभूमि से विहार कर भारत बांग्लादेश सीमा पर पधारे। BSF के जवानों एवं श्रीभूमि के श्रावक समाज को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री प्रशांत कुमार जी ने कहा-हम जैन मुनि पूरे देश भर में पैदल यात्रा करते है। आज यात्रा करते हुए भारत बांग्लादेश की सीमा पर पहुंचे है। सभी देशों के लोगों से हमारा एक ही संदेश है कि सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहे। शांति से रहें। यह प्रेम मैत्री भाव जितना बढ़ेगा उसमें सबका विकास है। किसी भी देश के लोग हो सभी सद्भावना से रहेंगे उसमें सबका अपना विकास होता है। विकास करने का सबका अधिकार है। हम किसी को भी गिराने का, काटने का, मारने का प्रयास न करें। सबको मैत्री के साथ में आगे बढ़ाने का प्रयास करें। हम सभी भारतीयता के लिए भी गर्व करते है। हम देश भर के लोगों को शांति का ही संदेश देने का प्रयास करते है। सब लोग अगर यह शांति और मैत्री की भावना को अपना लेते है तो पूरे देश का एक समग्र विकास भी होता है। सभी देश अपने भीतर से मजबूत होते है। देश की मजबूती का यह एक बहुत बड़ा सूत्र है। हमारे देश के सैनिक सीमाओं पर देश की रक्षा करते है तो उन पर देश के लोगों को गर्व होता है तो देश के नागरिकों का भी कर्तव्य होता है कि हम भीतर से भी मजबूत रहें। सद्भावना सबके भीतर बढ़ती रहें।

मुनिश्री कुमुद कुमार जी ने कहा-जैन साधु पूरी दुनिया को शांति का संदेश देते है। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। हमारे विचारों में,मन में अहिंसा, शांति रहें। अनेक राज्यों की यात्रा करके आज यहां आना हुआ। भगवान महावीर के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का उद्देश्य आत्मकल्याण और जन कल्याण ही है।

सभा मंत्री विवेक लालाणी ने मुनिश्री का परिचय देते हुए यात्रा का उद्देश्य बताया। इस यात्रा में विनोद गंग, विवेक लालाणी,सुशील अग्रवाल का सहयोग प्राप्त हुआ।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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