कलाहांडी (लिंगराज मिश्र): नरला दोरा समाज की नई कमेटी का गठन किया गया है। दोरा एक समुदाय है, लेकिन सरकार ने इसके समकालीन समुदायों को पहले ही जनजातीय दर्जा दे दिया है। बहरहाल, कई वर्षों से उपेक्षित और सरकार की अनदेखी का सामना कर रहा नरला दोरा समुदाय लंबे समय से मांग कर रहा है, लेकिन सरकार ने उन्हें जनजाति का दर्जा नहीं दिया है, इसलिए नरला दोरा समुदाय अपना संघर्ष जारी रखे हुए है। नरला दोरा समाज नरला क्षेत्र के तेरह राजस्व गांवों के दोराओं से बनी है। बिरकिशोर दोरा पिछले पांच वर्षों से इस समाज के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं। उसी कार्यकाल के सभी अधिकारियों ने अपना कार्यकाल समाप्त होने के बाद इस्तीफा दे दिया। सभापति के स्वागत भाषण के बाद, समाज में वर्तमान में व्याप्त विभिन्न समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की गई तथा राय ली गई। इसके बाद समाज के प्रबंधन के लिए एक समिति गठित की गई और नए पदाधिकारी चुने गए। नई समिति के सदस्यों के चयन की प्रक्रिया का संचालन करने के लिए जिला दोरा महासंघ के अध्यक्ष दशरथ पात्र, कोषाध्यक्ष थबीर दोरा और लांजीगढ़ मंडल के अध्यक्ष विशीकेशन आर्य उपस्थित थे और चुनाव का संचालन किया। सुदर्शन दोरा को सर्वसम्मति से नया अध्यक्ष चुना गया। इसी प्रकार रामाराव दोरा को उपाध्यक्ष, मधुसूदन दोरा को संपादक, गोविंदा पात्रा को सह संपादक, सरोज कुमार दोरा को कोषाध्यक्ष, उपेंद्र दोरा को मंडल नायक, बुदु दोरा को दलबेहरा तथा खगेश्वर दोरा को समन्वयक सर्वसम्मति से चुना गया। कार्यक्रम के अंत में बिरकिशोर दोरा ने चुनाव के शांतिपूर्ण संचालन के लिए सभी का धन्यवाद किया।