स्टडी रिपोर्ट के आधार पर विशेषज्ञों ने इसे गंभीर मानते हुए बेहद सतर्कता बरतने की सलाह दी है.
मोबाइल पर ज्यादा टाइम बिताना, जंक फूड खाना, घर में छोटे मोटे काम और एक्सराइज से दूरी गर्भवती महिलाओं को ब्लड शुगर का शिकार बना रहा है.
बहुत अधिक आरामतलबी की आदत के कारण गर्भवती महिलाओं का बढ़ता शुगर का लेवल गर्भ में पल रहे शिशुओं की सांसें तक छीन रहा है. साथ ही दिमाग और शरीर का विकास भी रोक रहा है.
स्टडी में पाया गया कि हाइलेवल शुगर का नवजात पर कई दुष्प्रभाव पड़ता है. इससे बच्चे की रीढ़ की हड्डी और दिमाग का समुचित विकास नहीं होता.
शिशुओं में किडनी संबंधी जन्मजात दिक्कत के साथ मोटापा से पीड़ित होने और शरीर के विकास में यह समस्या बाधा डाल सकती है.
गर्भावस्था में जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ और सुरक्षित रहे इसके लिए कई बातों का खास ख्याल रखना जरूरी है.
गर्भावस्था के दौरान मोटा अनाज का सेवन करें, जंक फूड से पूरी तरह दूरी रखें, मेंटल टेंशन से दूर रहें, ज्यादा मोबाइल का भी इस्तेमाल खतरनाक होता है.
बेहतर स्वास्थ्य के लिए दिन में कुछ देर हल्का व्यायाम जरूर करें और मौसमी फल के साथ ही सब्जियों का भी सेवन करें.
शुगर लेवल के बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता बरतना बहुत जरूरी है.
हाइ शुगर के कारण गर्भ में होने वाली अधिकांश मौतें सातवें या आठवें महीने में होती है. इससे बचने के लिए गर्भावस्था के दौरान जांच और इलाज कर बीमारी को कंट्रोल किया जा सकता है.