सूरत: भारतीय सेना के लिए सूरत के हजीरा में एलएंडटी कंपनी (L&T प्लांट) द्वारा अत्याधुनिक K-9 वज्र टैंक तैयार किए जा रहे हैं। इस तरह के सेल्फ प्रोपेल्ड ऑर्टिलरी युद्धक टैंक की 91वीं यूनिट को सेना को सौंप दिया गया है। खुद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस टैंक को हरी झंडी दिखाई। फिर उन्होंने टैंक की सवारी भी की। इस दौरान रूपाणी ने कहा, “एलएंडटी ने देश का गौरव बढ़ाया है। सेना के जरूरी साजो-सामान पहले दूसरे देशों से आयात करने पड़ते थे। अब देश में ही बन रहे हैं।”
बता दिया जाए कि, केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने एलएंडटी कंपनी के साथ ‘मेक इन इंडिया’ के तहत करार किया था। केंद्र द्वारा किसी निजी कंपनी को दिया गया यह सबसे बड़ा आॅर्डर माना जा रहा है। जिसके तहत एलएंडटी को भारतीय सेना के लिए 42 महीनों में टैंक के 100 यूनिट की आपूर्ति करनी है। एलएंडटी कंपनी के डायरेक्ट जयंत पाटिल ने कहा कि फरवरी तक हम सेना को 100वां टैंक उपलब्ध करा देंगे। बीते रविवार को ही मुख्यमंत्री रूपाणी ने 91वें टैंक की पूजा-अर्चना कर आरती उतारी थी। इन टैंकों को एलएंडटी साउथ कोरिया की हानवा टेकविन के साथ मिलकर यह बना रही है।
हजीरा स्थित L&T प्लांट से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, देश की सरहदों की रक्षा के लिए यहां से K-9 वज्र सेल्फ प्रोपेल्ड ऑर्टिलरी की 100 यूनिट खेप की आपूर्ति के लक्ष्य का 91% काम पूरा भी हो चुका है। इस तरह के युद्धक टैंक में 50 प्रतिशत से ज्यादा रॉ मटेरियल देसी ही है। वर्ष 2018 के नवंबर महीने में ऐसे टैंक को सेना में शामिल किया गया था। अब K-9 वज्र की पहली रेजीमेंट शीघ्र पूरी होने की उम्मीद है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने के-9 वज्र टैंक को साल 2020 की जनवरी में हजीरा में हरी झंडी दिखाई थी।
भारतीय सेना के लिए सबसे शक्तिशाली माने जा रहे इस युद्धक टैंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को सौंपा था। वह तारीख थी 19 जनवरी 2020, जब उन्होंने कहा कि, सूरत में बने बहुउद्देश्यी K-9 वज्र टैंक हमारे देश की सरहदों पर तैनात होकर उसे महफूज रखने और जरूरत पड़ने पर दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देने में सक्षम होंगे। बता दें कि, इसी साल जनवरी महीने में इसे ट्यूनिंग टेस्ट के लिए सेना के पास भेजा गया था, जिसके पश्चात् इसके सेना में शामिल होने पर मुहर लगी। इस टैंक में ऐसी कई खासियतें हैं, जिनके चलते इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं।