रायपुर: छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मचारी अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर 12 अप्रैल से दंतेवाड़ा से पैदल यात्रा कर रहे मनरेगा कर्मचारी अब रायपुर पहुंचने वाले हैं। ज्ञात हो ये सभी कर्मचारी पिछले 26 दिनों से हड़ताल पर हैं। मनरेगा महासंघ के बैनर तले सभी कर्मचारी 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। प्रदेशभर में मनरेगा कर्मी अपने दो सूत्रीय मांग नियमितीकरण एवं रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण करने को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मी राज्य सरकार को वादा याद दिलाने के लिए तपती गर्मी में हाथों में डंडे लिए 400 किलोमीटर की यात्रा पर निकले हैं। उन्होंने इसका नाम दांडी यात्रा दिया है। इस यात्रा के तहतन ये सभी मनरेगा कर्मी हाथों में तिरंगा लिए सैकड़ों की संख्या में दंतेवाड़ा से 12 अप्रैल को अपनी यात्रा की शुरुआत की थी। अब ये सभी कर्मचारी दंतेवाड़ा से करीब 400 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर वे रायपुर पहुंचेंगे। ताज़ा जानकारी के अनुसार सभी आंदोलनकारी अभनपुर से निकल कर रायपुर पहुंचने वाले हैं।
मनरेगा कर्मचारियों ने TRP से चर्चा करते हुए बताया कि प्रदेश भर के कर्मचारी अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर विधानसभा चुनाव 2018 से पूर्व हड़ताल कर रहे थे तब तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंघ्देव ने कर्मचारियों को आश्वासन दिया था कि हमारी सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर सभी मनरेगा कर्मचारियों को नियमित किया जायेगा और इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने भी अपने जन घोषणा पत्र में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। इसके बाद भूपेश बघेल ने कर्मचारियों के मंच से सभी कर्मचारियों को सरकार बनने एक साल के भीतर नियमित करने का वादा किया था। भूपेश सरकार को तीन साल बीत गए हैं लेकिन अभी तक उसने अपना वादा पूरा नहीं किया है जिससे दुखी होकर सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से हड़ताल कर रहे मनरेगा कर्मचारियों के साथ अब तक किसी तरह की बातचीत नहीं हुई है जिससे इन कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ काफी रोष है।
छत्तीसगढ़ स्टेट हेड उमेश यादव की रिपोर्ट Yadu News Nation