आहार में इन चीजों को शामिल कर लिगामेंट को रखें स्वस्थ
Ligaments Strengthen Tips : लिगामेंट और हड्डियों के जोड़ को मजबूत बनाये रखने में आहार की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है. लिगामेंट और कार्टिलेंज ज्वाइंट्स में गद्दे की तरह काम करता है. साथ ही मूवमेंट को आसान बनाता है. हड्डियों को जोड़ने का काम लिगामेंट और कार्टिलेज करते हैं. ये हड्डियों को आपस में टकरा कर टूटने और घिसने से भी बचाते हैं. लिगामेंट घुटने को स्थिरता प्रदान करते हैं. लिगामेंट को मजबूत बनाये रखना जरूरी है, क्योंकि पैरों पर ज्यादा दबाव पड़ने से लिगामेंट टूटने लगते हैं और घुटनों तथा अन्य ज्वाइंट्स पर हड्डियों के आपस में टकराने का डर रहता है. 50 की उम्र के बाद लिगामेंट पतली हो जाती है. इससे बुजुर्गों की हड्डियां रगड़ खाती हैं और हल्के झटके से भी टूट सकती हैं. लिगामेंट घिसने से जोड़ो में दर्द व सूजन आ जाती है, चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है. ऐसी स्थिति को ही ऑस्टियो ऑर्थराइटिस कहते हैं.
प्याज-लहसुन का सेवन फायदेमंद
प्याज, लहसुन में सल्फर बहुतायात में पाया जाता है. सल्फर कोलाजेन, बोन, कार्टिलेज, टेंडन, लिगामेंट को बनाने में सहयोग करता है. शोध में भी सिद्ध हो चुका है कि अधिक व्यायाम में सल्फर की आवश्यकता होती है, जबकि हमारे आहार में सल्फर की मात्रा कम होती है, जिससे कार्टिलेज एवं लिगामेंट के पुनर्निर्माण में कमी आ सकती है, इसलिए इस मौसम में आहार में प्याज, लहसुन के अलावा पत्ता गोभी, फूल गोभी आदि को आहार में जरूर शामिल करें.
ओमेगा-3 रिच फूड्स को करें शामिल
मछली जैसे टूना, मैकरेल, सारडाइन, सालमन आदि समुद्री मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है. यह एसिड शारीरिक व्यायाम के दौरान सेल मेंब्रेन को ऑक्सीडेटिव प्रोसेस से बचाता है. ओमेगा-3 फैटी एसिड के लेवल को बनाये रखने के लिए इसे हफ्ते में दो दिन लेना चाहिए. इसके अलावा फ्लैक सीड, नट्स, बादाम, पिस्ता में भी ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है.
विटामिन-सी युक्त फल खाना भी लाभकारी
स्ट्रॉबेरी, कीवी, संतरा, टमाटर, ब्रोकली, नीबू आदि में विटामिन सी पाया जाता है. विटामिन-सी, ओमेगा-3 के साथ मिलकर शरीर के इन्फ्लामेंशन को कम करता है और कार्टिलेज और लिगामेंट को बनाने एवं उसके रखरखाव में मदद करता है. पपीता में भी एंटी इन्फ्लामेट्री गुण पाये जाते हैं. इस तरह प्रतिदिन के आहार में फल और एक बार सब्जी सलाद के रूप में होनी चाहिए. जिंक, प्रोटीन एवं कॉपर ऐसे खनिज पदार्थ हैं, जो विभिन्न लिगामेंट की सुरक्षा में सहायता करते हैं.
प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पीएं
पानी शरीर के ज्वाइंट्स साइनोवियल फ्लूइड में डूबे रहते हैं, जो लिगामेंट एवं दूसरे ऊतकों के बीच के घर्षण को कम करता है. यह गद्दे का काम करता है और मूवमेंट को आसान बनाता है. पानी साइनोवियल फ्लूइड को बनाने में सहयोग करता है. सर्दियों में भी प्रतिदिन 2-2.5 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए.