डॉ विकास कुमार केशरी, सीनियर कंसल्टेंट, नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम
Health Care : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने अपने नवीनतम शोध में कोविड वैक्सीन के आकस्मिक मृत्यु से जुड़े होने की अटकलों को पूर्णतः मिथ्या बताया है. इस शोध के अनुसार, कोविड वैक्सीन युवा-वयस्कों में अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु के लिए उत्तरदायी नहीं पायी गयी है. इसके विपरीत शोध से पता चलता है कि कोविड वैक्सीन की दो खुराक कोविड संबंधित मृत्यु एवं अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करती है.
आकस्मिक मृत्यु की हैं दूसरी वजहें : इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित इस शोध के अनुसार, कोविड संक्रमण के साथ अस्पताल में नामांकन, परिवार के किसी अन्य सदस्य की आकस्मिक मृत्यु, 48 घंटे के अंदर भारी मात्रा में शराब का सेवन, नशीले पदार्थों के सेवन व 48 घंटे के अंदर उच्च तीव्रता वाले शारीरिक व्यायाम अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु के मुख्य कारण पाये गये.
शोध में 729 मृतकों का विश्लेषण : इस शोध में आइसीएमआर से जुड़े लगभग 21 संस्थानों के 150 से अधिक शोधकर्ताओं ने देश के 19 राज्यों के 47 अस्पतालों में रोगियों का अध्ययन किया. प्रथम दृष्टया 18-45 वर्ष आयु वर्ग के 29 हजार, 171 मृतकों की पहचान की गयी. जिनकी अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु हुई थी. इनके अभिलेखों की समीक्षा कर ऐसे 729 मृतकों का विश्लेषण के लिए चयन किया गया, जो मृत्यु के 24 घंटे पूर्व तक पूर्णतः स्वस्थ थे, जिनकी मृत्यु अस्पताल में नामांकन के 24 घंटे के अंदर अनभिज्ञ कारणों से हुई थी और जो किसी भी दीर्घकालीन रोग से ग्रसित नहीं थे अथवा किसी प्रकार की औषधियों का सेवन नहीं कर रहे थे. इन मृतकों की तुलना 2916 समरूप पूर्णतः स्वस्थ व्यक्तियों से की गयी.
जीवनशैली की आदतें जिम्मेदार
शोध में पाया गया कि मृत्यु के 48 घंटों के अंदर भारी अथवा अनियंत्रित मात्रा में मदिरा का सेवन अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु का एक मुख्य कारण पाया गया है. भारी मात्रा में शराब का सेवन करने वाले रोगियों में पक्षाघात एवं हृदय की गति की विसंगतियों की संभावना कई गुना अधिक होती है. इन व्यक्तियों में हृदयगति की विसंगतियां आकस्मिक मृत्यु का एक मुख्य कारण है. वर्तमान शोध में मृत्यु के 48 घंटों के अंदर उच्च एवं तीव्र प्रकृति वाले शारीरिक व्यायाम को भी अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु का एक कारण पाया गया.
स्वस्थ जीवनशैली है आकस्मिक मृत्यु से बचने का हल
इन सभी अध्ययनों के पश्चात अब यह कहने में कोई संशय नहीं है कि कोविड वैक्सीन मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करती है. साथ ही आकस्मिक मृत्यु के हाल में बढ़ते प्रतीत होने वाले मामलों के लिए कोविड वैक्सीन किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है. आइसीएमआर के शोध से पता चलता है कि एक स्वस्थ जीवनशैली का पालन, नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य जांच एवं जीवनशैली से जुड़े रोगों का सही समय पर सही उपचार ही आकस्मिक मृत्यु से बचने का सटीक उपाय है.
वैक्सीन की दोनों खुराक जरूरी
आइसीएमआर के वर्तमान शोध ने यह भी सिद्ध किया है कि आकस्मिक मृत्यु से यह सुरक्षा कोविड वैक्सीन की सिर्फ एक खुराक से नहीं मिलती है. इसके लिए दोनों खुराकों का लिया जाना आवश्यक है. इन सभी शोधों के परिणामों को देखते हुए यह सरलतापूर्वक कहा जा सकता है कि कोविड वैक्सीन अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु का कारण नहीं है. अध्ययन में यह भी पाया गया कि दिल के दौरे या स्ट्रोक का संकट उनमें अधिक था, जो कोविड-19 के गंभीर संक्रमण से पीड़ित थे.
नहीं है कोई साइड इफेक्ट
शोध ने यह भी प्रमाणित किया कि कोविड वैक्सीन की दोनों खुराकों को प्राप्त कर चुके व्यक्तियों में आकस्मिक मृत्यु की संभावना वैक्सीन प्राप्त नहीं करने वालों की तुलना में कम होती है. इसके पूर्व भी प्रतिष्ठित मेडिकल पत्रिका लैंसेट में प्रकाशित कई अन्य कई विदेशी शोधों एवं आइजेएमआर में ही प्रकाशित एक भारतीय शोध ने भी इस तथ्य को सत्यापित किया है कि कोविड वैक्सीन कोविड संक्रमण से संबंधित मृत्यु एवं अस्पष्टीकृत आकस्मिक मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करती है.