‘सिख भी रखते हैं रोज़ा’
मुफ्ती ने कहा, ‘एक बार एक सिख ने भी मुझे बताया, जो मुसलमान हो गए थे, कि मैं सिख था फिर भी रोजे रखता था।’ पाकिस्तान में ऐसे कट्टरपंथियों की कमी नहीं है जो आए दिन अल्पसंख्यकों के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं। बड़ी संख्या में हिंदू परिवारों को आए दिन जबरन धर्मांतरण और अपहरण जैसे खतरों से जूझना पड़ता है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हाल ही में सिंध प्रांत के थारपारकर जिले के मल्ही गांव से 20 साल की गुड्डी भील का अपहरण कर उसका जबरन धर्म करवा दिया गया था।
होली खेलने के लिए हुई मारपीट
खतरा सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू अपने त्योहार भी स्वतंत्र होकर मनाने से डरते हैं। बीते दिनों पंजाब और कराची यूनिवर्सिटी में होली खेलने के लिए हिंदू छात्र-छात्राओं को हिंसा और मारपीट का सामना करना पड़ा था। ट्विटर पर शेयर किए गए वीडियो में छात्र हमले के पीछे इस्लामी जमीयत तुलबा को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। लेकिन विश्वविद्यालयों ने होली पर किसी भी तरह की हिंसक घटनाओं से इनकार किया था। अक्सर पुलिस भी ऐसे मामलों में अल्पसंख्यकों की कोई मदद नहीं करती है।