मां के मोटापे को समझाता अध्ययन
मोटापा और गर्भकालीन मधुमेह दोनों ही अपरा हार्मोन के उत्पादन और सूजन चिन्हकों को प्रभावित करते हैं, जिससे यह पता चलता है कि अपरा वास्तव में असामान्य रूप से कार्य कर रही है। नए खुलासे से गर्भावस्था के खराब परिणाम और नवजात के स्वास्थ्य के जोखिम के अंतर्निहित तंत्र के बारे में समझ मिलती है। चूंकि मोटापा और गर्भकालीन मधुमेह अक्सर एक साथ होते हैं, यह अध्ययन गर्भाधान के समय मधुमेह की जगह मां के मोटापे के महत्व पर प्रकाश डालता है।
अध्ययन में शामिल हुईं 71 महिलाएं
केप टाउन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मुशी मात्जि़ला ने कहा कि यह अध्ययन दिखाता है कि कैसे ये प्लेसेंटा परिवर्तन जटिलताओं की व्याख्या कर सकते हैं। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा कि प्लेसेंटा में विशिष्ट परिवर्तनों की पहचान भविष्य में प्लेसेंटा-लक्षित उपचार या स्क्रीनिंग परीक्षणों के संभावित विकास का कारण बन सकती है। अध्ययन में 71 महिलाएं शामिल हुई, जिनमें से 52 मोटापे से ग्रस्त थीं और 38 ने गर्भकालीन मधुमेह विकसित किया था।