अभी 10 दिन पहले ही अमेरिका की वायुसेना ने दक्षिणी कैरोलिना तट पर एक फाइटर जेट की मदद से इस चीनी जासूसी गुब्बारे को हवा में ही मार गिराया था। अमेरिकी सेना के नार्दन कमांड ने कहा, ‘चालक दल ने घटनास्थल से महत्वपूर्ण मलबा हासिल कर लिया है। इसमें सभी प्रमुख सेंसर और इलेक्ट्रानिक टुकड़े भी शामिल हैं।’ इस चीनी गुब्बारे को सबसे पहले 4 फरवरी को मार गिराया गया था। यह पहला रहस्यमय ऑब्जेक्ट था जिसे अमेरिकी सेना ने मिसाइल से गिरा दिया था।
वाइट हाउस ने गुब्बारे को मार गिराने का बचाव किया
चीन पिछले कई साल से इन जासूसी गुब्बारों की मदद से पूरी दुनिया में निगरानी कर रहा है। अमेरिका ने खुलासा किया है कि यह जासूसी गुब्बारा भारत, जापान, खाड़ी देश और लैटिन अमेरिका के देशों के ऊपर उड़ान भर चुका है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस ने पिछले तीन दिनों में तीन अज्ञात वस्तुओं को मार गिराने के कदम का बचाव किया है। वाइट हाउस ने इस बात को स्वीकार किया कि अधिकारियों के पास इस बात का कोई संकेत नहीं था कि ये वस्तुयें भी उसी प्रकार से निगरानी के लिये थीं, जैसे कि इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी वायुक्षेत्र में चीनी गुब्बारे द्वारा कथित तौर पर किया जा रहा था।
वाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि ये तीन वस्तुएं इतनी कम ऊंचाई पर उड़ रही थीं कि नागरिक हवाई यातायात को खतरा हो सकता था। इनमें से एक को रविवार को ह्यूरोन झील के ऊपर मार गिराया गया था। उन्होंने कहा कि बाइडन प्रशासन के पास अब तक इस बात का कोई साक्ष्य नहीं है कि उन्हें जासूसी के लिये तैनात किया गया था अथवा उनका ताल्लुक चीन से था। अधिकारियों ने हालांकि इस आशंका से इंकार नहीं किया है। किर्बी ने कहा कि ये निर्णय अमेरिका के लोगों के सर्वोत्तम हित को देखते हुए लिया गया था। जनवरी के अंत में पहली बार अमेरिकी आसमान पर एक विशालकाय सफेद वस्तु दिखायी दी थी, इसके हफ्तों बाद तक लगातार ऐसी वस्तुयें देखने को मिलीं, जिसने अमेरिकी अधिकारियों को हैरान कर दिया और दुनिया भर में इसको लेकर कौतुहल पैदा हो गया।