आपदा में दुश्मन भी मिल रहे गले! 30 साल में पहली बार खोला गया तुर्की और आर्मेनिया का बॉर्डर, भेजी मदद

अंकारा : तुर्की और आर्मेनिया के बीच 30 साल में पहली बार दक्षिणी तुर्की में विनाशकारी भूकंप के पीड़ितों को मानवीय सहायता के लिए एक सीमा द्वार खोला गया है। रिपोर्ट में शनिवार को कहा गया है कि अर्मेनियाई प्रतिनिधिमंडल पांच ट्रक सहायता के साथ इग्दिर के पूर्वी प्रांत में एलिकन बॉर्डर गेट के माध्यम से तुर्की में प्रवेश कर गया है। तुर्की के विशेष प्रतिनिधि सेरदार किलिक के एक ट्वीट के अनुसार, अर्मेनियाई सहायता प्रतिनिधिमंडल 100 टन भोजन, दवा और पीने के पानी के साथ दक्षिण-पूर्वी प्रांत आदियमन की ओर गेट से गुजरा।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने मंगलवार को तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के साथ फोन पर बातचीत में तुर्की के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की और सहयोग की पेशकश की। देश के आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अर्मेनिया ने खोज और बचाव कार्यों में सहायता के लिए भूकंप प्रभावित तुर्की में 27 बचाव दल भेजे हैं। एलीकन बॉर्डर गेट का आखिरी बार 1988 में अर्मेनिया में आए भूकंप के दौरान खोला गया था, जब तुर्की रेड क्रीसेंट ने आपदा क्षेत्रों में सहायता भेजने के लिए सीमा पार की थी।

तुर्की ने आर्मेनिया के साथ राजनयिक संबंधों को तोड़ते हुए 1993 में अजरबैजान के समर्थन में अर्मेनिया के साथ सीमा को बंद कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि दक्षिणी तुर्की और उत्तरी सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप इस क्षेत्र में सदी की सबसे बुरी घटना है। मानवीय मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र के अवर महासचिव और आपातकालीन राहत समन्वयक मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा, ‘सोमवार को यहां जो हुआ, इस क्षेत्र में 100 वर्षों में सबसे खराब घटना थी।’

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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