S Jaishankar on Pakistan : भारत के बेहद करीब मौजूद है आतंक का अड्डा… ऑस्ट्रिया में जयशंकर ने बिना नाम लिए पाकिस्तान को ‘धोया’ – s jaishankar slams pakistan in austria says center of terrorism is located near india

वियना : पाकिस्तान का हवाला देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को किसी एक क्षेत्र के अंदर सीमित नहीं किया सकता, खासतौर पर जब वह मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के अन्य स्वरूपों से गहराई से जुड़ा हुआ है। ऑस्ट्रिया के विदेश मंत्री अलेक्जेंडर शैलेनबर्ग के साथ संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिति पर उनके बीच खुली और सार्थक चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि बहुत हद तक दोनों देशों के रुख समान हैं, ‘हालांकि हम अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित हैं और हमारी कुछ बाध्यताएं हैं।’

जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के कारण शांति और सुरक्षा के लिए होने वाले खतरों पर बातचीत की। इसमें हिंसक चरमपंथ और कट्टरपंथ द्वारा सीमा पार से होने वाला आतंकवाद भी शामिल है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के प्रभावों को एक क्षेत्र में सीमित नहीं किया जा सकता, खास तौर पर जब वे मादक पदार्थों और अवैध हथियारों की तस्करी तथा अंतरराष्ट्रीय अपराधों के अन्य स्वरूपों से गहराई से जुड़े हुए हैं।

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पाकिस्तान पर जयशंकर का करारा वार

उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, ‘चूंकि (आतंकवाद का) का केंद्र भारत के इतना करीब स्थित है कि स्वाभाविक रूप से हमारे अनुभव और अंतर्दृष्टि अन्य के लिए उपयोगी है।’ जयशंकर दो देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में साइप्रस से यहां पहुंचे हैं। यूक्रेन में जारी संघर्ष पर ‘गहरी’ चिंता जताते हुए एस जयशंकर ने कहा है कि भारत शांति के पक्ष में है। युद्ध की शुरुआत से ही नई दिल्ली की कोशिश यही रही है कि मॉस्को तथा कीव कूटनीति और संवाद के माध्यमों की ओर लौटें क्योंकि मतभेदों को हिंसा से नहीं सुलझाया जा सकता।

रूस-यूक्रेन पर क्या बोले जयशंकर?

जयशंकर ने कहा, ‘यह (यूक्रेन) संघर्ष वास्तव में अत्यंत गहरी चिंता का विषय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सितंबर में घोषणा की कि हम वास्तव में मानते हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है। आप हिंसा के माध्यम से मतभेदों और मुद्दों को नहीं सुलझा सकते।’ उन्होंने कहा, ‘इस तरह शुरू से ही, हमारा प्रयास (रूस और यूक्रेन से) संवाद और कूटनीति पर लौटने का आग्रह करना रहा है। प्रधानमंत्री ने खुद व्लादिमीर पुतिन और वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के साथ कई मौकों पर बात की है। मैंने रूस और यूक्रेन के अपने सहयोगियों से खुद भी बात की है।’

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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