इस्लामाबाद: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार को एक रैली में कहा कि सिर्फ समय से पहले चुनाव ही देश की अर्थव्यवस्था को बचा सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान डिफॉल्ट की ओर बढ़ रहा है और इसका जोखिम अब 64.5 फीसदी हो गया है। इमरान खान ने एक रैली में बोलते हुए पूछा कि आखिर इस आर्थिक संकट का जिम्मेदार कौन है? इमरान अपने भाषण के दौरान डिफॉल्ट के जोखिम का जिक्र कर रहे थे जो 64.5 फीसदी के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।
इमरान ने दावा किया कि अप्रैल में उनकी सरकार को जबरन सत्ता परिवर्तन के जरिए हटाया गया था। तब उनकी सरकार का विदेश से कर्ज लेने का जोखिम 5 फीसदी से भी कम था और आज यह बढ़ कर 64.5 फीसदी हो गया। इमरान ने आगे कहा, ‘इसका मतलब है कि हमारे देश में आयात का भुगतान और विदेशी कर्ज को चुकाने के लिए संसाधनों की कमी है।’ हालांकि पाकिस्तान की मीडिया इस बात से हैरान है कि इमरान ने पाकिस्तान में आई बाढ़ का जिक्र भी नहीं किया।
इमरान ने कहा कि नए आंकड़े बताते हैं कि इस बात की प्रबल संभावना है कि पाकिस्तान अपना कर्ज नहीं चुका पाएगा। यह दिखाता है कि वर्तमान सरकार ने अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर दिया है। उन्होंने शहबाज शरीफ के परिवार पर भारी लोन का आरोप लगाते हुए कहा, ‘विदेशी निवेशक पाकिस्तान से अपना पैसा निकाल रहे हैं और कोई भी पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए तैयार नहीं है।’ पाकिस्तान का कुल कर्ज बढ़ कर 53.5 ट्रिलियन रुपए हो गया है।
रैली में PTI प्रमुख ने आशंका जताई कि अगर देश में डिफॉल्ट होता है तो रुपया और भी ज्यादा गिरेगा, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ेगी। इमरान ने आरोप लगाया कि शहबाज शरीफ सरकार पिछले सात महीने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का कत्ल कर रही है। इमरान ने कहा कि हम अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर मजबूत हो रहे थे, तभी उनकी सरकार को गिरा दिया गया, जिसका कोई तुक नहीं था। अगर पाकिस्तान डिफॉल्ट कर जाता है तो इससे शहबाज शरीफ और उनकी कंपनी पर कोई असर नहीं होगा।