काबुल: तमाम अटकलों के बीच तालिबान ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है और तालिबान ने कहा है कि सरकार बनाने की प्रक्रिया अंतिम मोड़ पर पहुंच चुकी है और जल्द ही तालिबान की सरकार का ऐलान कर दिया जाएगा। तालिबान ने सरकार बनाने के लिए अपने यार देशों को न्योता भेजना शुरू कर दिया है और उन्हें तालिबान की सरकार के समारोह में शामिल होने का आग्रह भेजा गया। रिपोर्ट है कि तालिबान सरकार बनाने के लिए बड़े कार्यक्रम का आयोजन करेगा और संदेश देने की कोशिश करेगा कि उसकी सरकार पहले जैसी नहीं होने वाली है। अफगानिस्तान से आ रही रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने उन 6 देशों को अपनी सरकार के निर्माण के समारोह में शामिल होने के लिए न्योता भेजा है, वो सभी के सभी अमेरिका के दुश्मन हैं। पंजशीर घाटी पर करीब-करीब कब्जा जमाने के बाद तालिबान ने सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने पाकिस्तान, चीन, ईरान, तुर्की, कतर और रूस को निमंत्रण भेजा है। जाहिर है, तालिबान की लिस्ट देखने से ही साफ जाहिर होता है कि इन्हीं देशों ने तालिबान का पूरा साथ दिया है और इन्हीं देशों की बदौलत तालिबान आज अफगानिस्तान पर कब्जा करने में कामयाब हो पाया है। तालिबान इन देशों के साथ दोस्ती को मजबूत करना चाहता है, ताकि वो सरकार चला सके, क्योंकि यूरोपीयन यूनियन के साथ कई देशों ने कह दिया है कि वो तालिबान की सरकार को मान्यता नहीं देंगे।
पाकिस्तान और तालिबान की यारी हर कोई जानता है। 1996 में बनी तालिबान की पहली सरकार को भी पाकिस्तान की तरफ से मान्यता दी गई थी और इस बार भी पाकिस्तान तालिबान की सरकार को मान्यता देने वाला है। पिछले 20 सालों से तमाम तालिबानी नेताओं को पाकिस्तान ने ही पाला-पोसा है। खुद पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद समेत कई बड़े पाकिस्तानी नेता सार्वजनिक तौर पर स्वीकार कर चुके हैं कि तालिबान पाकिस्तान का ही हिस्सा है और एक दिन पहले भी पंजशीर पर पाकिस्तानी एयरफोर्स की मदद से ही तालिबान ने कब्जा करने में कामयाबी हासिल की है। अमेरिका समेत अरब देशों से पाकिस्तान ने अरबों रुपये लिए और उन पैसों से पाकिस्तान ने आतंकियों को पालने का काम किया। लिहाजा अब जब पाकिस्तान का अफगानिस्तान में छद्म युद्ध कामयाब हो गया है, तो तालिबान ने पाकिस्तान को न्योता भेजा है और माना जा रहा है कि पाकिस्तान के बड़े नेता तालिबान की सरकार के समारोह में शामिल होंगे।