पटना (रामजी प्रसाद): जाति जनगणना को लेकर पूरे देश में सियासत तेज होती हुई दिख रही है। देश की तमाम विपक्षी पार्टियां केंद्र और बिहार सरकार पर लगातार दबाव बना रही है लेकिन सरकार के कान में भी अभी तक जूं तक नहीं रेंग रही है। इससे पहले 2011 में सामाजिक और आर्थिक जनगणना हुई थी लेकिन उसके बाद बीते 2021 में जनगणना होने वाली थी लेकिन जाति जनगणना कराए जाने को लेकर अभी तक यह अधर में लटका हुआ है तो वही आज नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार और केंद्र की सरकार को सख्त लहजे में चेतावनी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी जाति जनगणना कराए जाने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट करें और मैं उनको 24 से 72 घंटे का समय देता हूं एक कैबिनेट मीटिंग बुलाएं और सभी पार्टियों से विचार विमर्श करें। हम लोग उनका सहयोग करेंगे और यदि मुख्यमंत्री जी ऐसा नहीं करते हैं तो हम लोग तमाम विपक्षी पार्टियां आगे की रणनीति तय करें। हमें तो अब यही लगने लगा है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी विकास पुरुष के नाम से बिहार में जाने जाते थे लेकिन अब मुख्यमंत्री जी दबाव में दिख रहे हैं। अब वहां खुलकर किसी तरह कोई निर्णय नहीं ले पाते हैं। एनडीए सरकार के कोई मंत्री उनकी बात नहीं मानते हैं अब तो उनकी सरकार में बिहार सरकार का पर्चा भी लिक होने लगा है यह सरकार निरंकुश हो गई है अब बिहार सरकार को नागपुर से संचालित किया जा रहा है।