नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने 16 सितंबर को फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार पूरी रफ्तार में नहीं पहुंचा है, यह धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। आरबीआई की ओर से लगातार बड़ी मात्रा में नकदी की उपलब्धता से सरकार के लिए कम दर पर और बिना किसी परेशानी के बड़े पैमाने पर उधारी सुनिश्चित हुई है।अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी केंद्रीय बैंक उसके लिए पूरी तरह से तैयार है। दास ने कहा कि जीडीपी के आंकड़ों से अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप का संकेत मिलता है। पिछले एक दशक में यह पहला मौका है जब उधारी लागत इतनी कम हुई है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक नकदी की उपलब्धता से सरकार की उधारी लागत बेहद कम बनी हुई है और इस समय बॉन्ड प्रतिफल पिछले 10 वर्षों के निचले स्तर पर हैं।