भुवनेश्वर: ओडिशा विधानसभा का बजट सत्र गुरुवार से शुरू होने वाला है। सत्र का पहला चरण 13 से 21 मार्च तक और दूसरा चरण 7 मार्च से 5 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 17 फरवरी को पेश किया जाएगा। सदन बहुत जीवंत रहेगा क्योंकि यह सत्र लंबे समय तक चलेगा। इसलिए विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दे एक साथ लाये हैं।
धान खरीद घोटाला इस बार सदन में सबसे बड़ा मुद्दा होगा। विभागीय मंत्री समेत अन्य मंत्री बार-बार मीडिया में कह चुके हैं कि कटनी-छटनी निश्चित रूप से हटाया जाएगा। लेकिन पश्चिमी ओडिशा से लेकर तटीय ओडिशा तक धान खरीद में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। पिछले वर्षों के विपरीत, इस बार भी FAQ का अनुपालन अत्यंत सक्रियता से किया जा रहा है। कुछ स्थानों पर तो लोग सड़कों पर भी उतर आए हैं। बाजार में अनियमितताओं का समाधान नहीं किया गया है। यह भी पता चला है कि ओडिशा का धान अवैध रूप से पड़ोसी राज्यों में तस्करी किया जा रहा है। इस बार यह मुद्दा विधानसभा में उठाया जाएगा।
तीनों पार्टियों के विधायक 12 तारीख को बैठक कर रणनीति तैयार करेंगे। लेकिन उससे पहले तीनों पार्टियों में विचार-मंथन पूरा हो चुका है। नई सरकार ने पहले ही आठ महीने पूरे कर लिए हैं। भाजपा सरकार पहले ही दो विधानसभा सत्रों का सामना कर चुकी है। दोनों सत्रों में विपक्ष ने कई मुद्दे उठाए और सरकार को घेरा। हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों ने अधिकांश मुद्दों के लिए पिछली सरकार को दोषी ठहराते हुए मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेडी पर निशाना साधने की कोशिश की। यह आंशिक रूप से सफल रहा। लेकिन सरकार आठ महीने से सत्ता में है। इसलिए, सत्तारूढ़ पार्टी की ऐसी रणनीति इस बार उतनी स्वीकार्य नहीं होगी।