नई दिल्ली: वैश्विक और घरेलू बॉन्ड बाजार में मजबूती और ब्याज बढ़ने का शेयर बाजार पर बड़ा असर दिखा है। कारोबार के दौरान शुक्रवार को शेयर बाजार में 10 महीने की बड़ी गिरावट दिखी। सेंसेक्स 49 हजार पर आ गया तो निफ्टी भी 14,500 के करीब पहुंचकर बंद हुआ। बॉन्ड बाजार के दबाव में निवेशकों ने जमकर बिकवाली की। कारोबार के दौरान सेंसेक्स एक समय 2149 अंकों की गिरावट पर था, जो आखिर में 1,939.32 अंक टूटकर 49,099.99 पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी भी कारोबार के दौरान 629 अंक गिरा, जो आखिर में 568.20 अंकों के नुकसान के साथ 14,529.15 पर पहुंच गया। बीएसई में यह 4 मई, 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। उस दौरान सेंसेक्स 2000 अंकों से ज्यादा नीचे गया था। वहीं एनएसई में यह 23 मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। बीएसई के सभी 30 सूचकांक लाल निशान पर बंद हुए। निवेशकों ने सबसे ज्यादा बिकवाली बैंकिंग और ऑटो सेक्टर में की, जिससे निफ्टी के बैंक इंडेक्स 4.78 फीसदी और ऑटो इंडेक्स 3.12 फीसदी नीचे आ गए। बाजार में बड़ी गिरावट से निवेशकों के लाखों रुपये की पूंजी डूब गई। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5.37 लाख करोड़ रुपये घटकर 500.75 लाख करोड़ पर पहुंच गया। निवेशकों ने हर मिनट 1450 करोड़ रुपये गंवाए हैं। बीएसई पर गिरावट का आलम ये रहा है 3101 शेयरों में से 1855 नुकसान के साथ बंद हुए।