व्यवहार अच्छा तो सब कुछ अच्छा -मुनि प्रशांत
सिलीगुड़ी
सिलीगुड़ी (वर्धमान जैन): मुनि श्री प्रशांत कुमार जी, मुनि श्री कुमुद कुमार जी के सान्निध्य में अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित द पावर ऑफ रेजिलिएंस कार्यशाला सिलीगुड़ी तेरापंथ महिला मंडल द्वारा आयोजित की गई। सभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री प्रशांत कुमार जी ने कहा- महिला मंडल द्वारा कार्यशाला आयोजित हो रही है। जिनसे जीवन का सर्वांगीण विकास होता है। विपरीत परिस्थितियों का सामना करना। प्रत्येक परिस्थिति में अपने आप का संतुलन रखना। जब तक जिंदगी है तब तक उतार चढ़ाव आते रहेंगे। जो व्यक्ति अपने आप को मजबूत बना लेता है वह परिस्थिति से घबराता नही है।मन की शक्ति मजबूत होने पर व्यक्ति कठिन परिस्थिति को भी पार कर लेता है। दूसरों पर झूठे आरोप लगाने से कितने कितने कर्म का बंधन हो जाता है। परिस्थिति को कोसने वाला कभी भी सुखी नही रह सकता। व्यक्ति जितना जितना सामंजस्य में रहता है उतना ही सुखी जीवन के साथ साथ पापकर्म से भी बच जाता है। दूसरों पर दोषारोपण करने से पूर्व स्वयं का आत्मचिंतन कर लेना चाहिए। स्वयं की समीक्षा करने वाला आत्मगुणों को बढ़ा लेता है। जीवन को किस तरह जीना चाहिए,हमारा व्यवहार कैसा होना चाहिए यह सूत्र अपना लेते हैं तभी जीवन में सफलता मिलती है। व्यवहार अच्छा हो तो सब कुछ अच्छा होता है। महिला मण्डल द्वारा आयोजित यह कार्यशाला के माध्यम से सुखी,शांत जीवन जी सकते हैं अगर व्यक्ति परिस्थिति और सम्बन्ध में सामंजस्य बैठाना सीख ले तो।
मुनि श्री कुमुद कुमार जी ने कहा – अपने विचार, व्यवहार एवं कार्य में लचीलापन रखने से व्यक्ति सुख शांति का जीवन जी सकता है। धार्मिक व्यक्ति की पहचान होती है आत्म-समीक्षा और जीवन में बदलाव। धार्मिक क्रिया करने के बाद भी अगर कर्म बंधन हो रहा है तो धार्मिकता पर प्रश्न चिह्न लग जाता है। सकारात्मक चिंतन करना, सम्यक लक्ष्य की ओर सतत् प्रयास करना विकास का हेतु है।हमारा आचरण एवं व्यवहार दूसरों के लिए प्रेरक बनें।
महिला मण्डल के मंगलाचरण से कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। विषय प्रस्तुति महिला मण्डल अध्यक्षा श्रीमती संगीता घोषल ने दी। आभार संजिता पुगलिया ने व्यक्त किया। कार्यशाला का संचालन महिला मण्डल मंत्री श्रीमती सुमन बैद ने किया।