छात्रसंघ के पहले अध्यक्ष से लेकर रक्षा मंत्री तक, प्रेरणादायी है मुलायम सिंह यादव का सियासी सफर

नई दिल्ली: देश के पूर्व रक्षा मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने सोमवार 10 अक्तूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आखिरी सांस ली. उनके निधन पर देश भर में शोक की लहर है. राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई राजनेताओं ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है. सैफई के रहने वाले मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक जीवन बड़ा ही प्रेरणादायी माना जाता है. उन्होंने कॉलेज के पहले छात्रसंघ अध्यक्ष से भारत के रक्षा मंत्री तक के सफर तय किया.

बात अगर उनके राजनीतिक जीवन की करें तो मुलायम सिंह यादव की राजनीति की शुरुआत केके डिग्री कालेज से हुई थी. वहां उन्होंने छात्र संघ का चुनाव जीतकर अध्यक्ष के रूप में अपनी राजनीति शुरू की थी. वहां से उन्होंने सहकारिता मंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद व रक्षा मंत्री बने. इसी बीच कई राजनैतिक दलों के महत्वपूर्ण पदों पर रहे और सही मौका देखकर अपनी पार्टी का गठन किया.

बात अगर उनके रक्षामंत्री बनने के सफर की करें तो 1 जून, 1996 से 19 मार्च 1998 तक उन्होंने रक्षा मंत्री के पद पर कार्यभार संभाला. बता दें कि साल 1996 में मुलायम सिंह यादव मैनपुरी लोकसभा सीट पर चुनकर आए थे. इसी साल संयुक्त मोर्चा गठबंधन में उनकी पार्टी शामिल हुई. इसी गठबंधन ने सरकार बनाया और मुलायम सिंह यादव का नाम भारत के रक्षा मंत्री के रूप में नामित किया गया. उसी वक्त मुलायम सिंह यादव को भारत के रक्षा मंत्री के तौर पर पहली चुना गया.

साल 1998 में भारत में नए चुनाव होते ही वह सरकार गिर गयी. लेकिन, मुलायम सिंह यादव उस चुनाव में भी संभल संसदीय क्षेत्र से लोकसभा में लौटकर वापस आए. अप्रैल 1999 में केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिरने के बाद उन्होंने केंद्र में सरकार बनाने में कांग्रेस पार्टी का समर्थन नहीं किया. बता दें कि उन्होंने 1999 का लोकसभा चुनाव दो सीटों संभल और कन्नौज से लड़ा और दोनों से जीत हासिल की. मुलायम सिंह यादव लोकसभा में सात बार सांसद चुने गए थे. बता दें कि मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर तीन बजे सैफई में किया जाना है.

Sunil Kumar Dhangadamajhi

𝘌𝘥𝘪𝘵𝘰𝘳, 𝘠𝘢𝘥𝘶 𝘕𝘦𝘸𝘴 𝘕𝘢𝘵𝘪𝘰𝘯 ✉yadunewsnation@gmail.com

http://yadunewsnation.in