केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस द्वारा 75खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं का शुभारंभ

नई दिल्ली: भारत की आजादी के 75वें वर्ष के दौरान भारत सरकार द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। इस महोत्सव के एक भाग के रूप में, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी’ अभियान का आयोजन पूरे देशभर में 25 से 30 अप्रैल 2022 तक किया जा रहा है। इस अभियान के अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा ‘खाद्य प्रसंस्करण सप्ताह 2.0’ का आयोजन इसी समयावधि मे किया गया है। इसी क्रम में ‘खाद्य प्रसंस्करण सप्ताह 2.0’ के पांचवें दिन केंद्रीय मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस ने प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना के अंतर्गत आने वाले 75 खाद्य प्रसंस्करण परियोजनाओं का वस्तुतः शुभांरभ किया। इन परियोजनाओं की लागत लगभग 1238 करोड़ रूपये है जिसमें से मंत्रालय द्वारा अनुदान सहायता के रूप में 309 करोड़ रूपये की राशि को स्वीकृति दी गई। इन परियोजनाओं द्वारा देशभर के कुल 4 लाख 63 हजार किसानों को लाभ तो मिलेगा ही इसके साथ ही इस खाद्य प्रंसस्करण क्षेत्र में अपना भविष्य तलाश रहे लगभग 36,000 लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।


खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने 25 अप्रैल 2022 को सोशल मीडिया अभियान के माध्यम से ‘खाद्य प्रसंस्करण सप्ताह 2.0’ की शुरुआत की। जिसके तहत पूरे सप्ताह सोशल मीडिया पर प्रतिदिन मंत्रालय की योजनाओं के प्रति जागरूकता, मंत्रालय की योजनाओं के लाभार्थियों के सफलता की कहानी को आमजन से अवगत करवाया जा रहा है। इसके आलावा देशभर के कई जिलों में पीएमएफएमई योजना के तहत एक जिला एक उत्पाद के प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन पर एक ओडीओपी कार्यशाला और प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है। इन परियोजनाओं के शुभारंभ समारोह में केंद्रीय मंत्री श्री पशुपति कुमार पारस जी से अपने संबोधन में कहा कि ‘फूड प्रोसेसिंग देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाला उद्योग है। फ़ूड टेक्नोलॉजी और फ़ूड प्रोसेसिंग ऐसे क्षेत्र हैं जो किसानों एवं कृषि उत्पादों से सीधा संबंध रखते हैं। उन्होंने अत्याधुनिक प्रोसेसिंग सुविधाओं के विकास के लिए इन परियोजनाओं के प्रमोटरों की भी सराहना की और कहा कि ये खाद्य प्रोसेसिंग क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे तथा आस- पास के क्षेत्रों के किसानों उत्पादकों, प्रोसेसर और उपभोक्ताओं को अत्यधिक लाभान्वित करेंगे।‘ उन्होंने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के परिणामस्वरूप पौष्टिक, प्रसंस्कृत भोजन की लगातार मांग बढ़ रही है तथा फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में उद्योग चालक बनने की क्षमता है जो भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदल सकता है।

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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