उच्च शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी है.

Gender equality: कार्यस्थल पर लिंग आधारित भेदभाव ना हो और एक ही काम के लिए स्त्री और पुरुष को बराबर वेतन मिले इसके लिए केरल के मुख्यमनत्री पिनराई विजयन ने ऑडिट कराने की बात कही है. हालांकि उनका यह फैसला आने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर लिया गया है, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि इससे महिलाओं का भला होगा.

Gender equality: नौकरी महिलाओं के अनुकूल होनी चाहिए

मुख्यमंत्री ने ‘फेस टू फेस प्रोग्राम’ को संबोधित करते हुए कहा कि नौकरी महिलाओं के लिए अनुकूल होनी चाहिए. उन्होंने कहा, कुछ समय पहले तक जोर केवल महिलाओं को शिक्षित करने पर था. लेकिन उन्हें अब कार्यबल में भाग लेने की आवश्यकता के बारे में आश्वस्त करने की भी जरूरत है. नौकरियों को महिलाओं के लिए अनुकूल बनाया जाना चाहिए. इसके लिए कार्यस्थल पर लिंग आधारित ऑडिट कराया जाएगा और समान वेतन सुनिश्चित किया जाएगा.
राज्य में उनकी सरकार द्वारा महिलाओं के अनुकूल बनाई गई नीतियों को रेखांकित करते हुए विजयन ने कहा, केरल उच्च शिक्षण संस्थान विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी राज्य विश्वविद्यालयों में छात्राओं के लिए मासिक धर्म अवकाश की व्यवस्था कर देश में आदर्श बन गया है.

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Gender equality: उच्च शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा पर राष्ट्रीय सर्वेक्षण के मुताबिक, केरल में उच्च शिक्षा में भागीदारी के मामले में महिलाओं की सबसे अधिक भागीदारी है. उन्होंने बताया कि अब उनका रुख है कि कैसे इस संगठित कार्यबल में अधिक महिलाओं को जोड़ा जाए. विजयन ने रेखांकित किया कि केरल पहला राज्य है जिसने 1997 में स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए लैंगिक बजट लागू किया.

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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