(अश्विन ढांडा, प्लायमाउथ विश्वविद्यालय)
प्लाइमाउथ, ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार, ज़ीउस ने मनुष्यों को आग देने पर प्रोमेथियस को दंडित किया था. उसने प्रोमेथियस को जंजीरों से जकड़ दिया और उसके कलेजे को खाने के लिए एक चील को उसपर बिठा दिया. हर रात, कलेजा वापस बढ़ जाता था और हर दिन, बाज कलेजा खाने के लिए लौट आता था. वास्तव में, क्या लीवर वास्तव में वापस बढ़ सकता है?
लीवर मानव शरीर का सबसे बड़ा आंतरिक अंग है. शराब जैसे विषाक्त पदार्थों का असर कम करने सहित सैकड़ों शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए इसकी आवश्यकता होती है. चूंकि यह पी गई शराब के संपर्क में आने वाला पहला अंग है, इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि यह शराब के प्रभावों के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील है. हालाँकि, लंबे समय तक भारी शराब के सेवन से मस्तिष्क और हृदय सहित अन्य अंग भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं.
लीवर विशेषज्ञ ने अपने शोध में बताया कि हर दिन शराब से संबंधित लीवर रोग वाले लोगों से मिलते हैं यह लीवर में वसा जमा होने (फैटी लीवर) से लेकर निशान बनने (सिरोसिस) तक होने वाली बीमारी का एक पहलू है और यह आमतौर पर क्षति के अंतिम चरण तक कोई लक्षण पैदा नहीं करता है.
सबसे पहले शराब लिवर को फैटी बनाती है. इस वसा के कारण लीवर में सूजन हो जाती है. जवाब में, यह निशान ऊतक का निर्माण करके खुद को ठीक करने की कोशिश करता है. यदि इसे अनियंत्रित जारी रखा जाता है, तो पूरा लीवर घावों का एक जाल बन सकता है और बीच में ‘‘अच्छे’’ हिस्सों के छोटे-छोटे द्वीप बन सकते हैं, जिसे सिरोसिस कहा जाता है.
सिरोसिस के अंतिम चरण में, जब लीवर ख़राब हो जाता है, तो लोगों को पीलिया हो सकता है, सूजन आ सकती है और नींद की कमी और भ्रमित हो सकते ह. यह गंभीर है और घातक हो सकता है.
अधिकांश लोग जो नियमित रूप से प्रति सप्ताह 14 यूनिट शराब की अनुशंसित सीमा से अधिक पीते हैं लगभग छह पिंट सामान्य ताकत वाली बियर 4 प्रतिशत एबीवी, या लगभग छह औसत ख्175मिली, वाइन के गिलास ख्14 प्रतिशत एबीवी,) उनका लीवर फैटी हो सकता है. लंबे समय तक और भारी शराब के सेवन से घाव और सिरोसिस विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है.