प्रणामासन
सूर्य नमस्कार की शुरूआत प्रणामासन से की जाती है. इसके लिए मैट के ऊपर खड़े होकर सूर्य को नमस्कार करने की दशा में खड़े हो जाएं. दोनों हाथों को जोड़कर सीने के पास सटाकर खड़े हो जाएं और गहरी सांस लें.
हस्तउत्तनासन
हस्तउत्तनासन के लिए प्रणामासन की अवस्था में ही खड़े होकर सांस लें. फिर थोड़ा पीछे की तरफ झुके. दोनों हाथ कान से सटे होने चाहिए. हाथ और शरीर दोनों को पीछे की ओर झुकाएं.
पादहस्तासन
तीसरे चरण में हस्तउत्तनासन के बाद सीधे पादहस्तासन पर जाएं. इसके लिए हाथों को ऊपर उठाते हुए ही आगे की ओर झुकने की कोशिश करें. सांसों की धीरे-धीरे छोड़े और इस दौरान घुटने को बिल्कुल सीधा रखें. कमर से नीचे झुकते हुए हाथों को पैरों के पास ले आएं.
अश्व संचालनासन
पादहस्तासन करते हुए नीचे से उठते हुए सांस ले. बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं. दाहिने पैर को छाती के दाहिने हिस्से से सटाएं. अब हाथों को जमीन पर पूरे पंजे को फैला कर रखें. इस आकार में शरीर को करने के बाद गर्दन को उपर उठाकर पीछे की तरफ करें.
दंडासन
अश्व संचालनासन करते हुए गहरी सांस लें. गहरी सांस लेते हुए दाहिने पैर को भी पीछे की ओर ले जाएं. शरीर को सीधा रखें और दोनों हाथों आगे की तरफ इसपर जोर देकर ऐसे ही रहें.
आष्टांग नमस्कार
इसके बाद गहरी सांस लेते हुए घुटने को जमीन से छुआएं और सांस छोड़ें. पूरे शरीर को जमीन पर धीरे-धीरे छुआएं और कुल्हे को ऊपर रखें.
भुजंगासन
इस चरण में कोहनी को कमर से सटाते हुए हाथों को पंजे के बल से छाती की ओर ऊपर उठाएं. गर्दन को ऊपर की ओर उठाते हुए ऊपर की ओर ले जाएं.
अधोमुख शवासन
भुजंगासन से सीधे इस आसन पर आ जाएं. इसमें अपने शरीर को वी के आकार में ले जाए. अपने कुल्हे को उठा कर पैर को जमीन पर टिकाए रखें.
अश्व संचालनासन
इसके बाद एक बार फिर अश्व संचालनासन की अवस्था में आएं. ध्यान रहे कि इस बार आपका दायां पैर पीछे की ओर ले जाएं.
पादहस्तासन
अब पादहस्तासन की मुद्रा में वापस आएं. इस आसन में आते हुए धीरे-धीरे सांस छोड़ें
हस्तउत्तनासन
पादहस्तासन से अब हस्तउत्तनासन की मुद्रा में वापस आएं.थोड़ा पीछे की तरफ झुके. दोनों हाथ कान से सटे होने चाहिए. हाथ और शरीर दोनों को पीछे की ओर झुकाएं.
प्रणामासन
हस्तउत्तनासन से अब वापस प्रणामासन की मुद्रा में वापस आएं. सीधे खड़े होकर ठीक शुरूआत की तरह ही सूर्य को नमस्कार करें.