झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था : ऑपरेशन कराना है, तो बाहर से खरीदकर लाएं कैटगट धागा, शुगर की जांच भी है बंद

धनबाद, विक्की प्रसाद : सदर अस्पताल का हाल बुरा है. आम तौर पर सदर अस्पताल में चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने के लिए भर्ती होने वाले मरीजों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से नि:शुल्क दवा सहित अन्य संसाधन मुहैया कराये जाने का नियम है. वर्तमान में अस्पताल में ऐसा नहीं हो रहा है. जख्म सीलने के लिए आवश्यक कैटगट धागा तक का स्टॉक अस्पताल में समाप्त हो चुका है. अस्पताल में भर्ती मरीज के परिजनों द्वारा बाहर से कैटगट धागा खरीद कर देने के बाद ऑपरेशन हो रहे हैं. वर्तमान में अस्पताल में कई मामले हैं, जहां ऑपरेशन से पूर्व मरीज के परिजनों से कैटगट धागा बाहर से खरीद कर लाने की मांग की गयी. यही नहीं, अस्पताल में इसके अलावा अन्य दवा व सामग्री का स्टॉक भी पूरी तरह समाप्त हो गया है. ऐसे में मरीज के परिजनों से बाहर से दवा मंगवाकर काम चलाया जा रहा है. प्रभात खबर ने बुधवार को सदर अस्पताल का जायजा लिया. पता चला कि अस्पताल में कई तरह की दवाएं लगभग एक माह से उपलब्ध नहीं हैं. प्रबंधन द्वारा जिला स्वास्थ्य विभाग से दवा सहित अन्य सामग्री मुहैया कराने की मांग की गयी है. इसके लिए सिविल सर्जन के माध्यम से कई पत्र दवा आपूर्ति कराने वाले संबंधित अधिकारी को दिया गया, लेकिन अब तक दवा व अन्य सामग्री उपलब्ध नहीं करायी गयी है. ऐसे में विभागीय उदासीनता का खामियाजा अस्पताल में भर्ती आम मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.

मरीज, बाहर से खरीद कर ला रहे आरएल स्लाइन

अस्पताल में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों को ही नहीं, बल्कि आम मरीजों को भी आरएल स्लाइन चढ़ायी जाती है. खासकर किसी भी तरह के ऑपरेशन से पहले और बाद में मरीजों को आरएल स्लाइन चढ़ायी जाती है. खाना-पानी नहीं लेने वाले मरीजों को भी आरएल स्लाइन चढ़ायी जाती है. वर्तमान में धनबाद सदर अस्पताल में आरएल स्लाइन भी समाप्त हो चुकी है. जरूरत पड़ने पर मरीज व उनके परिजनों को बाहर से आरएल स्लाइन खरीदनी पड़ रही है.

ब्लड शुगर मशीन की बैट्री खत्म, जांच बंद

अस्पताल में आवश्यक संसाधनों का घोर अभाव हो गया है. आलम यह है कि पैथोलॉजी में मरीजों की शुगर जांच के लिए उपलब्ध मशीन की बैट्री खत्म हो गयी है. विभाग लंबे समय से बैट्री तक उपलब्ध नहीं करा रहा है. ऐसी स्थिति में इस मशीन से ब्लड शुगर जांच तक बंद कर दी गयी है. ब्लड शुगर जांच की कोई अन्य व्यवस्था भी मौजूद नहीं है. क्योंकि ऑटो एनालाइजर मशीन नहीं होने के कारण अस्पताल की पैथोलॉजी में पहले से ही बायो केमिस्ट्री जांच ही नहीं होती है.

दवा व अन्य सामग्री की उपलब्धता की प्रक्रिया लंबी

वर्तमान में सदर अस्पताल में उपाधीक्षक का पद सृजित नहीं किया गया है. अस्पताल के संचालन के लिए नोडल पदाधिकारी की नियुक्ति की गयी है. दवा सहित अन्य सामग्री की खरीदारी के लिए नोडल को वित्तीय प्रभार नहीं दिया गया है. ऐसे में दवा सहित अन्य संसाधन की किल्लत होने पर सीएस के माध्यम से डीपीएम से मांग की जाती है. डीपीएम द्वारा समय पर दवा सहित अन्य सामग्री उपलब्ध नहीं कराये जाने को लेकर ऐसी स्थिति बनी है.

संयुक्त सचिव के आदेश को नहीं मान रहा स्वास्थ्य विभाग

हाल में ही स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज ने सदर अस्पताल का निरीक्षण किया था. उस दौरान उन्हें अस्पताल की स्थिति से अवगत कराया गया था. उन्होंने सिविल सर्जन से अस्पताल के नोडल को वित्तीय प्रभार देने का निर्देश दिया था, ताकि नोडल पदाधिकारी स्तर पर आवश्यक दवा सहित अन्य सामग्री की खरीदारी की जा सके. सीएस ने अब तक इस संबंध में काेई कार्रवाई नहीं की है.

अस्पताल में इन दवाओं व सामानों का स्टॉक समाप्त

  • मिसोप्रोस्ट टैब 200 एमजी

  • ड्रोटिन इंजेक्शन

  • ट्रेनेक्सा इंजेक्शन

  • एनाफोर्टन इंजेक्शन

  • डी 5% इनफ्यूशन

  • आइवी सेट

  • हाइड्रोजन पेरॉक्साइड लिक्विड

  • जेलको 20 व 22

  • बुपिवैक्सीन हाइड्रोक्लोराइड हैवी इंजेक्शन,

  • स्प्रिट

  • कैटगट नंबर वन

  • मेडाजोलम वन इंजेक्शन

  • फोर्टवीन इंजेक्शन

  • एपिडोसीन इंजेक्शन

  • इनफ्यूशन मेट्रो

  • पेपर टेप

  • टैक्सीम 125 एमजी इंजेक्शन

  • रबर शीट

  • मैकिनटोज

  • टेटरा

  • विकरिल प्लस नंबर वन

  • विटामिन के इंजेक्शन

  • सैनिटाइजर

  • रैनटेक इंजेक्शन

  • जाइलोकेन जेली

  • डीएनएस फ्लूइड

  • सोडियम बाइकार्बोनेट इंजेक्शन

  • यूरो बैग

  • ग्लव्स

  • सेवलन लिक्विड

  • एनएस फ्यूइड

  • आयरन सरकोस इंजेक्शन

  • पैंटाप्रोजोल

  • आरएस स्लाइन

Sunil Kumar Dhangadamajhi

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