काबुल: अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हालात खराब हैं। भविष्य को लेकर आशंकित लोग देश छोड़ने के लिए काबुल एयरपोर्ट पर जुटे हैं जहां भीड़ के चलते भगदड़ मच गई। इस दौरान फैली अराजकता में 5 की मौत हो गई। अमेरिका ने एयरपोर्ट को 6,000 सैनिक उतारने के लिए कब्जे में ले लिया और इस कारण भीड़ को हटाने के लिए वहां फायरिंग भी हुई। इस कारण कई उड़ानें रोक दी गईं। काबुल हवाईअड्डे पर मची भगदड़ से पहले तालिबान ने राष्ट्रपति भवन पर रविवार को कब्जा जमा लिया। इस दौरान राष्ट्रपति अशरफ गनी कई मंत्रियों, नेताओं और अधिकारियों के साथ देश छोड़कर चले गए। हालात बेकाबू होते देख अमेरिका ने हेलीकॉप्टर से अपने राजनयिक निकाले। तालिबान ने कहा कि हमारा संगठन जल्द ही काबुल में राष्ट्रपति परिसर से अफगानिस्तान को इस्लामी अमीरात बनाने का एलान करेगा। सत्ता हस्तांतरण के लिए समन्वय परिषद का गठन किया गया है। इस बीच, सेना प्रमुख बर्खास्त कर दिए गए हैं।
काबुल एयरपोर्ट पर हुई फायरिंग के बाद मची अफरातफरी के जो वीडियो सोशल मीडिया पर आए हैं वे भीषण हालात बयां कर रहे हैं। यहां अमेरिका ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल पूरी तरह अपने नियंत्रण में ले लिया है। उधर, एक समय अमेरिकी सैन्य ठिकाना रहे बगराम एयरपोर्ट पर भी तालिबान ने कब्जा कर लिया है।
अमेरिका और यूरोपीय संघ के नेतृत्व में 60 से अधिक देशों ने साझा बयान जारी कर अफगानिस्तान में शक्तिशाली पदों पर आसीन लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मानवीय जीवन और संपत्ति की रक्षा की जिम्मेदारी लें और सुरक्षा बहाली के लिए तुरंत कदम उठाएं।
बयान में कहा गया कि अगले 48 घंटों में करीब 6,000 सुरक्षाकर्मी वहां तैनात होंगे जिनका मिशन लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद करना होगा और वे एयर ट्रैफिक कंट्रोल भी अपने हाथ में लेंगे। बयान के मुताबिक, ये सुरक्षाकर्मी अमेरिकी मिशन पर तैनात स्थानीय लोगों व उनके परिजनों को अफगानिस्तान से बाहर निकालेंगे।