ऑस्ट्रेलिया में हजारों महिलाएं असुरक्षित कार्यस्थल के मुद्दे पर सड़कों पर उतर गई हैं। इनमें शामिल कई महिला सांसदाें आरोप है कि संसद में पुरुष खुद को राजा समझकर उनसे यौन दुर्व्यवहार करते आए हैं। उनके मुताबिक, किसी-न-किसी नेता-अधिकारी ने जबरन छुआ, तो किसी ने बेइज्जत किया। कई ने तो संसद को सबसे असुरक्षित कार्यस्थल करार दिया। महिलाओं के मुताबिक, जब भी पुरुषों के बर्ताव पर सवाल उठाए तो चारित्रिक हनन हुआ और वे खामोश हो गईं। लेकिन, हाल में जब पूर्व विधायी कर्मचारी ब्रिटनी हिगिंस ने रक्षामंत्री के दफ्तर में उनसे दुष्कर्म की घटना सुनाई, तो हजारों महिलाएं सड़कों पर उतर आईं। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन को भी कहना पड़ा, घर (संसद) के हालात सुधारने होंगे।
लेबर पार्टी की नेता तान्या लिबर्सेक कहती हैं, संसद से जुड़ी रही महिलाओं में लंबे समय से दबा गुस्सा फूट रहा है। अन्य संस्थानों में तो लिंग समानता ने जोर पकड़ा है लेकिन सत्ता प्रतिष्ठान में पुरुषों का ही दबदबा है। महिलाएं पुरुषों का नाम इसलिए नहीं ले पातीं क्योंकि नौकरी या न्याय में से एक चुनने का दबाव बनाया जाता है।