रांची जिले के खलारी प्रखंड अंतर्गत मैक्लुस्कीगंज को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कवायद तेज हो गई है. राजधानी रांची से महज 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह इलाका वन और पहाड़ों से घिरा हुआ है.

झारखंड के जंगलों के बीच मौजूद एक अदृश्य स्थान के बारे में जिसे भारत का ‘मिनी लंदन’ कहा जाता है. जिसके बारे में शायद बहुत कम ही लोग जानते हैं.

यहां की जमीन 1930 में रातू महाराज से लीज पर ली गई थी. आज का यह मिनी लंदन करीब 10 हजार एकड़ की जमीन पर फैला है. जो अब एक खूबसूरत पर्यटन स्थल बन चुका है.

मैक्लुस्कीगंज के ड्रीम डेस्टिनेशन, डेगा-डेगी नदी, नकटा पहाड़ और दुल्ली स्थित सर्वधर्म स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है.

जागृति विहार
जागृति विहार मैकलुस्कीगंज के जोभिया में 20 एकड़ में फैली एक स्वयं सेवी संस्थान है. संस्थान में पढाई के अंतिम दिनों में ग्रामीण परिवेश की शिक्षा लेने आने वाले विदेशी मेहमान के लिए भी यह आकर्षन का केन्द्र रहता है.

सर्व धर्म स्थल दुल्ली
मैकलुस्कीगंज से 8 किलोमीटर की दूरी पर नरेश चन्द्र बाहरी के लावारिस हालत में पड़े लगभग 350 एकड़ की परिधि पर बने इस आस्था के केंद्र में मंदिर, मजार और गुरुद्वारा तीनों एक साथ बने हैं.

सीता कुन्ड जलाशय
पास ही में सीता कुन्ड जलाशय और आसपास फैले घने जंगल पिकनिक मनाने वाले सैलानियों के लिए उपयुक्त स्थान होने के साथ ही आस्था का केंद्र भी है.

नकटा पहाड़
मैकलुस्कीगंज से 10 किलोमीटर की दूरी पर घने जंगलों में मुख्य सड़क से दो किलोमीटर अंदर जाने पर रुबरु हो सकते है नकटा पहाड़ से. सैलानियों के लिए ट्रेकिंग व पिकनिक मनाने का उपयुक्त स्थान है.

सालों भर सैलानियों से गुलजार रहने वाले इस स्थान पर हर वर्ष दो जनवरी को मेले का आयोजन किया जाता है. हालांकि सुरक्षा नियमों को देखते हुए अधिक शाम तक पहाड़ी पर चढ़ना और रुकना प्रशासन द्वारा वर्जित किया गया है.

डेगाड़ेगी नदी
मैकलुस्कीगंज से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित है डेगाड़ेगी नदी व कुंवार पतरा नदी का तट. मैकलुस्कीगंज भ्रमण व पिकनिक मनाने के लिए आने वाले सैलानियों का जमावड़ा लगा रहता है. इन पर्यटकों के मनोरंजन के लिए रेत में चलने वाले एटीवी वाहन की राइडिंग की व्यवस्था स्थानीय युवाओं के द्वारा की गयी है जिसका भरपूर लुफ्त यहां आने वाले पर्यटक उठा रहे हैं